स्वकर प्रणाली को राजस्व बढ़ोत्तरी का हथियार अब बनाएगी पालिका
चार वर्ष पहले लागू स्वगृह कर प्रणाली को पालिका राजस्व बढ़ोत्तरी के हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगी। पूर्व की ढिलाई से सबक लेकर कड़ाई से अनुपालन कराने की योजना बनाई गई है। जिन प्रतिष्ठान संचालकों या गृह स्वामियों ने अपना स्वकर निर्धारित नहीं करवाया है उनका कर सुनिश्चित कराया जाएगा। पालिका का खजाना भरेगा तो विकास को नया आयाम मिलेगा।
जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : चार वर्ष पहले लागू स्वगृह कर प्रणाली को पालिका राजस्व बढ़ोत्तरी के हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगी। पूर्व की ढिलाई से सबक लेकर कड़ाई से अनुपालन कराने की योजना बनाई गई है। जिन प्रतिष्ठान संचालकों या गृह स्वामियों ने अपना स्वकर निर्धारित नहीं करवाया है उनका कर सुनिश्चित कराया जाएगा। पालिका का खजाना भरेगा तो विकास को नया आयाम मिलेगा।हालांकि वार्ड सदस्य इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं और इसे वर्तमान सत्र से लागू करने की मांग पर अड़े हैं।
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क्या है स्वकर प्रणाली
शासन ने वर्ष 2015 में निकायों के लिए स्वगृह कर प्रणाली लागू की। इसके तहत पालिका क्षेत्र में निवास करने वाले नागरिकों को मकान और प्रतिष्ठान की लंबाई, चौड़ाई और लोकेशन के हिसाब से वार्षिक गृहकर तय करना है। नगर पालिका कार्यालय से प्रारूप प्राप्त कर अपना कर स्वयं निर्धारित करने की छूट दी गई है। यह कर आवास की वस्तुस्थिति पर निर्धारित किया जाएगा। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का कर गृहकर का दोगुना होगा। घर के पास अच्छी सड़क है तो उसका कर भिन्न होगा। सकरी गलियों में बने आवासों का कर कम होगा। प्रपत्र भरकर पालिका कार्यालय में जमा करना होगा। विभाग सत्यापन के बाद इसे स्वीकृति प्रदान करेगा। इस तरह सभी भवनों को कर के दायरे में लाया जाएगा।
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प्रणाली का नहीं हो पा रहा अनुपालन
राजस्व हित में शासन ने चार वर्ष पूर्व ही इस व्यवस्था को लागू कर दिया था। लेकिन नगर पालिका परिषद पीडीडीयू नगर अभी तक इसका अनुपालन नहीं करा सका है। अधिकांश भवन स्वामी स्वकर के दायरे से बाहर हैं और पालिका प्रशासन को किसी तरह का टैक्स अदा नहीं कर रहे। हालांकि इस व्यवस्था को कड़ाई के साथ लागू करने की योजना बनाई जा रही है। पालिका का मानना है कि इससे आय बढ़ेगी और विकास कार्यों में काफी मदद भी मिलेगी। महकमा मूलभूत समस्याओं का निराकरण तत्काल करवा सकेगा। व्यवस्था चहुंमुखी विकास को नया आयाम देगी।
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सभासद कर रहे विरोध
हालांकि इस मामले में वार्ड सदस्यों की राय अलग है। सदस्यों का कहना है कि जब चार वर्ष पूर्व शासनादेश जारी किया गया तो व्यवस्था उसी समय लागू क्यों नहीं की गई। अब पुराना टैक्स वसूला जाएगा तो जनता पर काफी बोझ पड़ेगा। गरीब वर्ग के लोग नाहक परेशान होंगे। इसलिए पुराने कर को माफ कर वर्तमान से स्वकर लिया जाए।
वर्जन...
स्वगृह कर व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। इससे पालिका की आय बढ़ेगी, जो विकास में सहायक होगी। शासन स्तर से जारी की गई गाइड लाइन में संशोधन संभव नहीं है।
कृष्णचंद्र, ईओ नगर पालिका परिषद