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    चंदौली में लापरवाही बरतने पर 152 स्कूलों की मान्यता होगी रद, शासन ने नोटिस किया जारी

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 03:28 PM (IST)

    चंदौली में इंस्पायर अवार्ड योजना में लापरवाही करने वाले 152 गैर-वित्तपोषित स्कूलों की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। डीआईओएस कार्यालय ने स्कूलों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। अधिकांश वित्तविहीन विद्यालयों की सहभागिता शून्य रही जिससे जिले की स्थिति ठीक नहीं है। यह योजना विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही है।

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    लापरवाही पर 152 स्कूलों की मान्यता होगी रद, नोटिस जारी।

    जागरण संवाददाता, चंदौली। इंस्पायर अवार्ड योजना में लापरवाही बरतने वाले विद्यालयों को शिक्षा विभाग ने चिह्नित कर कार्रवाई शुरू कर दी है। जनपद के 152 वित्तविहीन विद्यालयों की मान्यता रद करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।

    डीआइओएस कार्यालय ने इन विद्यालयों के प्रबंधक और प्रधानाचार्यों को शुक्रवार को नोटिस जारी किया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है।

    यदि संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता है, तो माध्यमिक शिक्षा परिषद को मान्यता निरस्तीकरण के लिए संस्तुति की जाएगी। नोटिस मिलने के बाद से ही इन विद्यालयों के प्रबंधन में खलबली मची है।

    जनपद में कुल 248 माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनमें 28 राजकीय, 34 सहायता प्राप्त व 186 वित्तविहीन हैं। इन विद्यालयों में 1.26 लाख विद्यार्थी पंजीकृत हैं। जून महीने से योजना के तहत विद्यार्थियों का आवेदन आनलाइन कराने के लिए माध्यमिक के राजकीय, अशासकीय व वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधक व प्रधानाचार्यों को पत्राचार किया गया था। इसमें 15 सितंबर को आवेदन की अंतिम तिथि बताई गई थी और जनपद के लिए आवंटित लक्ष्य की जानकारी भी दी गई थी।

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    डीआइओएस ने बताया कि राजकीय, अशासकीय विद्यालयों का प्रदर्शन तो बेहतर रहा है और उन्होंने लक्ष्य को भी शत-प्रतिशत हासिल कर लिया है। जबकि, अधिकांश वित्तविहीन विद्यालयों की सहभागिता शून्य रही है, जिससे प्रदेश व मंडल स्तर पर जिले की स्थिति ठीक नहीं है।

    अब तक लगभग 47.92 प्रतिशत आवेदन ही प्राप्त हुए हैं। विभाग के अनुसार, योजना के तहत 4,055 आवेदन कराने का लक्ष्य है, लेकिन 12 सितंबर तक 406 विद्यालयों से 1,938 आवेदन मिले हैं। ये 50 प्रतिशत से भी कम हैं।

    लापरवाही बरतने वाले इन विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई तय है। यह योजना विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार की ओर से चलाई जा रही है। इसमें कक्षा छठी से 12वीं तक के विद्यार्थी हिस्सा लेकर नवाचार, विज्ञान के माडल आदि प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके अलावा, बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालय, परिषद सीबीएसई, सीआइएससीई आदि बोर्ड के भी विद्यार्थी आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकेंगे।

    इंस्पायर अवार्ड योजना में कई वित्तविहीन विद्यालयों ने सहयोग नहीं किया है। इससे जिला लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा। ऐसे विद्यालयों नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है।

    - देवेन्द्र सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक।