यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने जारी की नई गाइडलाइन, चलती ट्रेन की बोगियों में बदल जाएगी ये व्यवस्था
यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों में सफाई व्यवस्था को और चुस्त बनाने का फैसला किया है। अब चलती ट्रेनों में सफाई की निगरानी बढ़ेगी और कचरे को इधर-उधर फेंकने पर रोक लगेगी। कचरे के निपटान के लिए थैले सीलबंद कर चिन्हित जंक्शनों पर ले जाए जाएंगे। लापरवाही करने पर ओबीएचएस और पेंट्रीकार लाइसेंसधारकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

विवेक दुबे, पीडीडीयू नगर (चंदौली)। यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन की बोगियों से निकले कचरे के निस्तारण व्यवस्था को और चुस्त बनाने की तैयारी है। स्वच्छता के बीच आरामदायक यात्रा का अनुभव कराने के लिए रेलवे बोर्ड ने नई पहल की है। अब चलती ट्रेन की बोगियों में हो रही सफाई की निगरानी बढ़ेगी और निकलने वाले कचरा को इधर-उधर फेंके जाने पर लगाम लगेगी। चलती ट्रेन से भी कर्मचारी इसे नहीं फेंक सकेंगे।
कचरा के निपटारे की व्यवस्था के लिए थैले को सीलबंद कर निस्तारण के लिए चिन्हित जंक्शन ले जाया जाएगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड हाल में ही नई गाइडलाइन जारी की है। डीडीयू रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंध राजीव रंजन ने कहा कि बोर्ड ने यात्रियों की सहूलियत के लिए यह कदम उठाया है। बताया कि वरिष्ठ रेल अधिकारी ओबीएचएस और पेंट्रीकार कर्मचारियों से संवाद करेंगे, ताकि आन-बोर्ड हाउस कीपिंग सेवा (ओबीएचएस) प्रणाली को मजबूत किया जा सके।
रेल मंडल में होकर वर्तमान में लगभग 200 ट्रेनों का प्रतिदिन परिचालन हो रहा है। सहालग शुरू होने के साथ इनमें भीड़ बढ़ गई है। हर दिन 1,800 किग्रा जैविक व अजैविक कचरा ट्रेनों से निकल रहा। पीडीडीयू जंक्शन पर ही क्लीन ट्रेन स्टेशन (सीटीएस) के तहत नामित 80 ट्रेनों के अलावा गया जंक्शन पर भी बोगियां साफ सुथरा की जाती हैं।
वंदे भारत, राजधानी को छोड़कर कर्मचारी अन्य ट्रेनों की बोगियों की सफाई में निकलने वाले कचरे को अभी तक खिड़की या दरवाजे से बाहर भी फेंक देते थे। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। कचरे के व्यवस्थित संग्रहण, प्रबंधन और निपटारा भी होगा।
बोर्ड के निर्देशानुसार इसके लिए कर्मचारियों को वीडियो के माध्यम से प्रशिक्षित करने साथ ही उन्हें सफाई के उपकरण भी प्रदान किए जाएंगे। हर ट्रेन में उत्पन्न कचरे के थैलों की संख्या तय होगी, उतनी संख्या में भरे कचरे के थैले ट्रेन में चल रहे कर्मचारियों द्वारा निस्तारण हेतु चिन्हित स्टेशनों पर दिये जायेंगे।
नई व्यवस्था से रेलवे में स्वच्छता को बल मिलेगा। कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया में इस सुधार से यात्रियों को सुविधा होगी। ओबीएचएस या पेंट्रीकार लाइसेंसधारक इस व्यवस्था में लापरवाही करेंगे तो गंभीर उल्लंघन मानते हुए अनुबंध समाप्त तक करने की कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के साथ इस व्यवस्था का ही अनुपालन कराया जाएगा। - उदय सिंह मीना, मंडल रेल प्रबंधक, डीडीयू रेल मंडल।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।