डीआरएम ने देर रात्रि रियल टाइम देखी फुट पेट्रोलिंग व पासिंग ट्रेनों की जांची रफ्तार
सोनपुर मंडल के डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने देर रात रेलवे सुरक्षा का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने फुट पेट्रोलिंग कर रहे कर्मियों की रियल टाइम लोकेशन देखी और पासिंग ट्रेनों की गति जांची। सुरक्षा में चूक न हो, इसके लिए निर्देश दिए। डीआरएम ने कहा कि रेलवे सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डीआरएम ने वेटिंग हॉल आरक्षण बिल्डिंग, यातायात व सुरक्षा से संबंधित गतिविधियों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की।
जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली)। पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल रेल प्रबंधक उदय सिंह मीना यात्री सुविधा व ट्रेनों के समयबद्ध परिचालन पर पूरा जोर दिए हैं। उन्होंने मंडल के अधिकारी व कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिया है कि अगर इसमें लापरवाही हुई तो कार्रवाई तय है। इसी क्रम में गुरुवार की रात लगभग 11:10 पर वो बिना किसी को बताए डीडीयू जंक्शन पहुंच गए।
इसके बाद उन्होंने प्लेटफार्म तीन पर डाउन की 12398 महाबोधि एक्सप्रेस के इंजन में खड़े हो गए। महाबोधि रात्रि 11:25 पर जंक्शन से खुल गई। वो रात लगभग 12:49 सासाराम स्टेशन पर पहुंची। इस दौरान डीआरएम ने वेटिंग हॉल आरक्षण बिल्डिंग, यातायात व सुरक्षा से संबंधित गतिविधियों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की।
उन्होंने सीसीटीवी फुटेज, अनाउंसमेंट सिस्टम, भीड़ प्रबंधन एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था की जानकारी ली। निरीक्षण के यात्री आश्रय की संरचना, क्षमता, बैठने की व्यवस्था, शौचालय व पेयजल सुविधाओं, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा प्रावधानों तथा साफ-सफाई की स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद वो सासाराम से रात्रि 1:20 पर 12942 पारसनाथ एक्सप्रेस से 2:46 पर डीडीयू जंक्शन पहुंच गए।
धुंध में ट्रेनों के परिचनल पर अलर्ट, लोको पायलटों से संवाद
सर्दी में कोहरा पड़ने से सुरक्षित ट्रेन परिचालन बड़ी चुनौती होती है। ट्रेनों की गति बाधित न हो इसके लिए मातम तरह के सुरक्षा यंत्रो का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए डीआरएम उदय सिंह मीना ने आवश्यक तैयारी शुरू कर दी है। इसकी जांच के लिए वो इंजन में खड़े होकर इंजन में फाॅग सेफ्टी डिवाइस (एफएसडी) की जांच की।
बता दें कि यह उपकरण लोको पायलट को सिग्नल आने से पहले सतर्क कर देता है। घना कोहरा होने के कारण लोको पायलट को सिग्नल देखने में परेशानी होती है। इससे ट्रेन की गति धीमी करनी पड़ती है। इस स्थिति में सुरक्षित ट्रेन परिचालन में एफएसडी से मदद मिलती है। इसमें एक छोटा सा डिस्प्ले (टैबलेट जैसा) लोको पायलट के केबिन में लगा होता है। इसमें रेलखंड का जीपीएस मैप पहले से फीड होता है। प्रत्येक सिग्नल, व्हिसल बोर्ड, लेवल क्रासिंग, प्रतिबंधित गति वाले स्थान की पूरी जानकारी रहती है।

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