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    करोड़ों खर्च के बाद चंद्रप्रभा बांध का गेट जर्जर

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 21 Nov 2017 10:37 AM (IST)

    जासं, चकिया (चंदौली): चंद्रप्रभा बाध गेट की मरम्मत करने में करोड़ों रुपये विभाग ने गवां दिए। ...और पढ़ें

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    करोड़ों खर्च के बाद चंद्रप्रभा बांध का गेट जर्जर

    जासं, चकिया (चंदौली): चंद्रप्रभा बाध गेट की मरम्मत करने में करोड़ों रुपये विभाग ने गवां दिए। बांध के मुख्य गेट में कई स्थानों पर छिद्र हो गए हैं। पत्थर निर्मित मुख्य गेट के तटबंध में जगह-जगह छिद्र होने से बांध के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हालात पर जल्द काबू न पाया गया तो ¨सचाई संकट खड़ा हो जाएगा।

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    चंद्रप्रभा बांध का निर्माण 1960 में पूर्ण हुआ। बांध के मुख्य गेट के छलके की मरम्मत 8 वर्ष पूर्व कराई गई थी। मरम्मत कार्य में तकरीबन 5 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। विभागीय अधिकारियों की देखरेख में करीब एक माह तक मरम्मत कार्य चला। अहम है कि छलके की मरम्मत बड़े-बड़े छिद्र हो जाने के चलते हाई तकनीक व कुशल मैकेनिकों की टीम ठेकेदारी प्रथा से कराई गई। मरम्मत कार्य के दौरान मानक की बड़े पैमाने पर अनदेखी किए जाने का नतीजा रहा कि बांध में पानी आते छलके से रिसाव शुरू हो गया। विभाग ने खुद का गला नपता देख कार्यदाई संस्था को नोटिस जारी किया, इसके बाद दोबारा मरम्मत हुई। मरम्मत के बाद कुछ वर्ष तक रिसाव बंद रहा। इस वर्ष छलके में लगे पत्थर दरक गए। आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर छलके में छिद्र हो गये हैं। बांध में इकठ्ठा पानी तेजी से छिद्र के सहारे निकल रहा है। छलके से निकल रहे बेवजह पानी की यही स्थिति बनी रही तो रवी की प्रम ख फसल गेहूं की ¨सचाई प्रभावित होना तय है। आगामी दिनों में बांध के अस्तित्व को लेकर खतरा उत्पन्न होने की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता।

    7 हजार हेक्टेयर की ¨सचाई सुविधा निर्धारित

    चंद्रप्रभा बांध से बबुरी इलाका सहित लगभग 7 हजार हेक्टेयर की ¨सचाई व्यवस्था निर्धारित है। बांध से संबद्ध् मुजफ्फरपुर बीयर के अलावा निकोईया नहर, पथरहवा लेफ्ट व राइट माइनर, पसही रेगुलेटर, बबुरी माइनर सहित बैरा पश्चिमी , उत्तरी पंप कैनाल, भूसिया पंप कैनाल के माध्यम से ¨सचाई होती है। बांध की हालत जर्जर होने से किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें ¨खच गई है।

    किसान करेंगे सीएम से शिकायत

    भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष वीरेंद्र पाल, देश राज पटेल, रवि विश्वकर्मा, अनिश अहमद, अतिबल ¨सह, जोखन पाल, संजय पटेल समेत तमाम किसानों ने चंद्रप्रभा बाध की जर्जर हालत पर ¨चता जताई है। किसानों का कहना है कि बाध की मरम्मत के दौरान धन की लूट खसोट का नतीजा है कि कुछ ही वर्ष में छलका पुरानी स्थिति में पहुंच गया।

    -चंद्रप्रभा बाध की जर्जर स्थिति को विभाग ने गंभीरता से लिया है। पिछले दिनों उच्च स्तरीय अधिकारियों की टीम ने बांध का निरीक्षण कर मरम्मत योग्य बताया। बांध के छलके की मरम्मत के लिए प्रांकलन तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

    जेपी वर्मा, अधिशासी अभियंता चंद्रप्रभा प्रखंड, चंदौली