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    ऐसी मार अभी तक नहीं देखी... चक्रवात मोंथा को लेकर क्या बोले यूपी के किसान? 

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 03:48 PM (IST)

    चक्रवात मोंथा ने चंदौली जिले के किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे लगभग 250 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है। सबसे ज्यादा नुकसान धान की फसल को हुआ है। तहसील प्रशासन नुकसान का आकलन कर रहा है और किसानों को मुआवजा देने की तैयारी है। किसानों का कहना है कि उन्होंने पहले कभी ऐसी आपदा नहीं देखी थी और अब उन्हें सरकार से मदद की उम्मीद है।

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    जागरण संवाददाता, चकिया (चंदौली)। चक्रवात मोंथा ने किसानों की की कमर तोड़ दी। खेत गिरकर खराब हो रही फसल देख किसानों के आंख में आंसू छलक जा रहा है। चक्रवात से लगभग 250 हेक्टेयर फसल नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। फिलहाल तहसील प्रशासन को 90 हेक्टेयर फसल नुकसान होने की रिपोर्ट अब तक प्राप्त हो चुकी है। क्षतिपूर्ति का आकलन जुटाने में तहसील प्रशासन ने 56 लेखपालों को लगाया है।

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    तहसील क्षेत्र के 480 गांव में अधिसंख्य गांवों में फसल गिरकर नष्ट हो गई हैं। गरला, पीतपुर, मवैया, चितौड़ी, उतरौत, खरीद, धरदे,करेमुआ आदि गांवों में पककर तैयार धान की फसल बर्बाद हो चुकी है। तहसीलदार देवेंद्र कुमार यादव ने तहसील क्षेत्र के सभी गांव में क्षतिपूर्ति का आकलन करने के लिए लेखपालों को लगाने के साथ ही खुद स्थिति का जायजा लेने में लगे हैं। शासन के निर्देश पर एक तिहाई से ज्यादा फसल बर्बाद होने पर किसानों को 17 हजार प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा प्रदान करने किया जाना है।

    हाड़तोड़ मेहनत के बाद तैयार धान की फसल बाढ़ से प्रभावित हो गई। रही कसर पिछले दिनों चक्रवात ने पूरी कर ली। फसल जमीन पकड़ कर गिर चुकी है। अब तो मुआवजा ही एकमात्र सहारा है।
    मारकंडे पांडेय, किसान।

    सूखे की मार तो देखे थे। लेकिन बारिश,बाढ़ और चक्रवात की ऐसी मार अभी तक नहीं देखा था। भारी भरकम जोताई, बोआई, बीज,मजदूरी, उर्वरक आदि में खर्च कर धान की फसल पककर तैयार हुई तो चक्रवात ने ले डूबा। -धीरज श्रीवास्तव, किसान


    चक्रवात से धान की फसल के साथ ही रवि की प्रमुख फसल गेहूं के साथ ही दलहनी, तेलहनी की फसल प्रभावित हुई है। खेत में पानी अभी लगे हुए हैं। धान कटाई के साथ ही गेहूं की बोआई समय से नहीं हो पाएगी। -वीरेंद्र पाल,किसान

    चक्रवात की जद में अधिकांश तौर पर जीराबत्ती, चिंटू ,बादशाह भोग आदि सुगंधित महीन धान की फसल प्रभावित हुई हैं। अन्य प्रजाति के फसलों पर भी असर हुआ है। यही बेचकर किसी तरह से खर्च चलता लेकिन वह भी बर्बाद हो गया। -राजीव पाठक,किसान।

    पीड़ित किसानों के प्रति शासन- प्रशासन गंभीर

    चक्रवात के साथ ही पिछले दिनों बारिश और बाढ़ से नुकसान हुए किसानों की फसल की क्षतिपूर्ति को लेकर शासन- प्रशासन गंभीर है। बाढ़ व बारिश से प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति के रूप में तहसील क्षेत्र के 604 किसानों को 90 लाख रुपए पीड़ित किसानों के खाते में धन आहरित कर दी गई है। आंशिक क्षतिपूर्ति को लेकर 2387 लोगों को चिन्हित कर आनलाइन किया गया है। इसमें 1100 लोगों को आंशिक क्षतिपूर्ति की धनराशि (चार हजार रुपए प्रति व्यक्ति) दी जा चुकी है। चक्रवात से नुकसान हुए फसल की क्षतिपूर्ति को लेकर राजस्व कर्मियों को लगाया गया है। एक तिहाई से ज्यादा फसल बर्बाद होने पर 17 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया। - देवेंद्र कुमार यादव, तहसीलदार,चकिया