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    PDDU जंक्शन से तीन नाबालिग बरामद, गया से चेन्नई के होटल में बर्तन धोने के ल‍िए ले जा रहे तस्‍कर पकड़ाए

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 05:57 PM (IST)

    चंदौली के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल में आरपीएफ ने बचपन बचाओ आंदोलन के साथ मिलकर बाल तस्करी के खिलाफ अभियान चलाया। गया-चेन्नई एक्सप्रेस से तीन नाबालिग बच्चों को मुक्त कराया गया जिन्हें मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था। तस्कर विरहिन मांझी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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    तस्‍कर बच्चों को चेन्नई के एक होटल में बर्तन धोने के काम पर ले जा रहा था।

    जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली)। पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के रेलवे सुरक्षा बल ने रविवार को एक महत्वपूर्ण अभियान चलाया। इस अभियान में तीन नाबालिग बच्चों को बचाया गया और एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया।

    यह अभियान आरपीएफ पीडीडीयू पोस्ट के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत के नेतृत्व में बचपन बचाओ आंदोलन की सहायक परियोजना अधिकारी चंदा गुप्ता और चाइल्ड हेल्प डेस्क की टीम द्वारा संयुक्त रूप से चलाया गया।

    जानकारी के अनुसार, तीन नाबालिग बच्चे गया से चेन्नई के होटल में बर्तन धोने के काम के लिए ले जाए जा रहे थे। तस्कर का नाम विरहिन मांझी है, जो गमहरीया थाना डोभी, जिला गया, बिहार का निवासी है। आरपीएफ और बचपन बचाओ आंदोलन की टीम ने पीडीडीयू स्टेशन पर 12389 गया - चेन्नई एक्सप्रेस की चेकिंग के दौरान बच्चों को बरामद किया और तस्कर को गिरफ्तार किया। सभी नाबालिग बच्चे डरे-सहमे अवस्था में जनरल कोच में पाए गए, जहां उनके साथ एक संदिग्ध व्यक्ति भी था।

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    पूछताछ के बाद, मामला संदिग्ध पाए जाने पर बच्चों और तस्कर को गाड़ी से नीचे उतारा गया और आवश्यक पूछताछ के लिए डीडीयू पोस्ट पर लाया गया। आरपीएफ पीडीडीयू की इस कार्रवाई से बाल तस्करी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस प्रकार के अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे ताकि बच्चों को तस्करी से बचाया जा सके।

    गया चेन्नई एक्सप्रेस के प्लेटफार्म चार पर आगमन के बाद गाड़ी की चेकिंग के दौरान, जनरल कोच में तीन नाबालिग बच्चों को डरे-सहमे देखा गया। पूछताछ के दौरान, बच्चों ने बताया कि उन्हें मजदूरी के एवज में 12 घंटे काम करने के बदले 14 हजार प्रति माह दिया जाता है। तस्कर विरहिन मांझी ने बच्चों को ले जाने के लिए गाड़ी का किराया और खाने-पीने का खर्च भी उठाया था।

    बरामद बच्चों ने अपना नाम अनोज कुमार (14 वर्ष), धर्मेंद्र कुमार (16 वर्ष), और राजकुमार (17 वर्ष) बताया। पूछताछ के बाद, मामला बाल मजदूरी का पाए जाने पर सभी तीन नाबालिग बच्चों को सुरक्षित चाइल्ड हेल्प डेस्क को सुपुर्द किया गया। तस्कर विरहिन मांझी को अग्रिम कार्रवाई के लिए कोतवाली मुगलसराय को सौंपा गया है, जहां विधिक कार्यवाही की जाएगी।

    इस अभियान में आरपीएफ के उप निरीक्षक अश्वनी कुमार, आरक्षी दीपक सिंह, संतोष त्रिपाठी, अशोक यादव, बबलू कुमार, सीआईबी के प्रधान आरक्षी विनोद यादव, बचपन बचाओ आंदोलन की चंदा गुप्ता, और चाइल्ड हेल्प डेस्क के सुजीत कुमार शामिल रहे।