चंदौली में साठ हजार के वाहन पर पुलिस ने ठोंक दिया एक लाख रुपये का जुर्माना, बाद में कहा - 'गलती हो गई'
चंदौली जिले में पुलिस ने एक ई-रिक्शा पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जबकि उसकी कीमत केवल साठ हजार रुपये थी। यातायात पुलिस ने चेकिंग के दौरान यह चालान काटा और रिक्शा को सीज कर दिया। चालक का कहना है कि इतनी बड़ी राशि का जुर्माना भरना उसके लिए संभव नहीं है।

बाद में पुलिस ने मानवीय भूल की बात स्वीकार की, लेकिन इस घटना ने अन्य ई-रिक्शा चालकों में चिंता पैदा कर दी है।
जागरण संवाददाता, (पीडीडीयू नगर) चंदौली। पुलिस के कार्य और कारनामे अक्सर चर्चा का विषय बनते हैं। ऐसा ही एक मामला चंदौली जिले में सामने आया है, जहां एक ई-रिक्शा पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि उसकी कीमत मालिक के अनुसार मात्र साठ हजार रुपये है।
यह घटना 15 नवंबर को चकिया थाना क्षेत्र के मुरारपुर कटारिया गरला में हुई, जब यातायात पुलिस ने चेकिंग के दौरान इस ई-रिक्शा का चालान काटा। चालक भोले का कहना है कि उसने चार महीने पहले यह ई-रिक्शा साठ हजार रुपये में खरीदा था, ऐसे में एक लाख रुपये का चालान भरना उसके लिए संभव नहीं है।
जिले में एक नवंबर से यातायात माह के तहत अभियान चलाया जा रहा है, जिसके दौरान यातायात कर्मियों की मनमानी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। 15 नवंबर को ई-रिक्शा पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाना इस अभियान का एक विवादास्पद उदाहरण बन गया है।
भोले, जो मोहम्मदाबाद के निवासी हैं, अपने परिवार का भरण-पोषण इसी बैटरी से चलने वाले रिक्शा से करते हैं। मुरारपुर कटारिया गाल के समीप तैनात यातायात पुलिस ने उनके ई-रिक्शा पर भारी चालान ठोक दिया और धारा 207 के तहत उसे सीज भी कर दिया।
भोले ने बताया कि इतनी बड़ी राशि का चालान भरना उनके लिए असंभव है। उन्होंने कहा, "इतने पैसे में तो मैं दो ई-रिक्शा खरीद सकता हूं।" इस मामले में पुलिस ने समन शुल्क को कोर्ट की जगह खुद जारी किया, जबकि नियम के अनुसार, सीज किए गए वाहनों पर जुर्माना कितना लगेगा, यह न्यायालय तय करता है। चकिया में ई-रिक्शा को सीज करने के बाद चालान पर एक लाख रुपये का जुर्माना अंकित कर दिया गया है, जो कि न्यायालय के कार्यक्षेत्र में आता है।
इस मामले पर सीओ यातायात कृष्ण मुरारी शर्मा ने कहा कि 207 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ई-रिक्शा को सीज किया गया है। उन्होंने बताया कि जुर्माने की राशि न्यायालय द्वारा निर्धारित की जाती है और वहीं से वाहन को छोड़ने का आदेश भी दिया जाता है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि मानवीय भूल के कारण चालान पर एक लाख रुपये का जुर्माना अंकित हो गया है। इस पुलिसिया लापरवाही की घटना ने न केवल भोले के लिए बल्कि अन्य ई-रिक्शा चालकों के लिए भी चिंता का विषय बना दिया है।

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