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    Chandauli News: चंद्रप्रभा नदी का जलस्तर घटा, ग्रामीणों की मुसीबतें बरकरार; मोहल्लों व गलियों में घुसा बाढ़ का पानी

    चंदौली जिले के बबुरी में चंद्रप्रभा नदी का जलस्तर घटने से बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन ग्रामीणों की मुश्किलें अभी भी बनी हुई हैं। बाढ़ के पानी से कच्चे मकान जर्जर हो गए हैं और कई गिर भी गए हैं जिससे लोगों के जान-माल का खतरा बढ़ गया है। गड़ई नदी अभी भी पूरे वेग से बह रही है जिससे कई गांव प्रभावित हैं।

    By Ashwani Chaurasia Edited By: Vinay Saxena Updated: Tue, 26 Aug 2025 03:56 PM (IST)
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    चंदौली: बाढ़ के पानी से घिरा बबुरी का निर्माणाधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र।- जागरण

    जागरण संवाददाता, बबुरी (चंदौली)। चंद्रप्रभा नदी का जलस्तर घटने के साथ ही बाढ़ की भयावह स्थिति में कुछ सुधार दिखाई देने लगा है, लेकिन इससे ग्रामीणों की समस्याएं कम होने के बजाय और बढ़ गई हैं। बाढ़ ग्रस्त गांवों के जिन मोहल्लों और गलियों में बाढ़ का पानी घुसा था, वहां के कच्चे मकान लगातार जर्जर होते जा रहे हैं। कई मकान तो ढह भी गए हैं, जिससे ग्रामीणों के जान-माल पर खतरा मंडराने लगा है।

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    ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद दीवारें और नींव गीली होने से मकानों की मजबूती खत्म हो गई है। जगह-जगह दीवारें गिरने लगी हैं, जिसके चलते परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल सर्वे कराकर क्षतिग्रस्त मकानों का आकलन करने तथा पीड़ित परिवारों को मुआवजा और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने की मांग की है। वहीं, स्थानीय लोगों ने यह भी आशंका जताई है कि यदि समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले दिनों में मकानों के गिरने की घटनाएं और बढ़ सकती हैं।

    अब भी पूरी वेग से बह रही गड़ई नदी

    पिछले कई दिनों से पहाड़ी क्षेत्रों से छोड़े गए पानी के कारण चंद्रप्रभा और गड़ई नदी में उफान देखने को मिल रहा था। तीन दिन बाद चंद्रप्रभा नदी का जलस्तर कुछ कम हुआ है, लेकिन गड़ई नदी अब भी पूरी वेग से बह रही है। इसके चलते क्षेत्र के शिवनाथपुरा, बिंदपुरवा सहित आसपास के कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। गड़ई नदी का पानी ग्रामीण इलाकों में घुसने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं, वहीं शिवनाथपुर गांव के पास मुगलसराय-चकिया मार्ग पर नदी का पानी ओवरफ्लो कर सड़क पर आ गया है। इससे इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही काफी प्रभावित हो रही है। छोटे वाहन जोखिम उठाकर गुजरने को मजबूर हैं, जबकि बड़े वाहनों को लंबे समय तक जाम की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।

    500 लोगों ने लिया सुरक्षित स्थान पर शरण

    बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के हालात देख प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। प्रभावित इलाकों में नाव और बचाव दल तैनात किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्रभावित गांवों की लगातार निगरानी की जा रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। राहत शिविरों में रह रहे करीब 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण दिलाई गई है। इन्हें भोजन, पीने का पानी और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रत्येक राहत शिविर में अधिकारियों की तैनाती की गई है, जो व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं।

    निर्माणाधीन सीएचसी बाढ़ की चपेट में, चहारदीवारी जमींदोज

    पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और बांधों से छोड़े जा रहे पानी के चलते बबुरी क्षेत्र के कई गांव के साथ ही बबुरी का निर्माणाधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी बाढ़ की चपेट में आ गया है, जिससे ग्रामीणों में चिंता बढ़ गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सीएचसी का निर्माण चकिया-मुगलसराय सड़क से नीची जमीन पर कराया गया है। ऐसे में नदी में जलस्तर बढ़ने पर अस्पताल परिसर का जलमग्न होना तय है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि जब खुद अस्पताल बाढ़ से प्रभावित होगा, तब आपदा की स्थिति में मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं कैसे मिल पाएंगी।

    सीएचसी परिसर पूरी तरह पानी में डूब गया है। मुख्य भवन और चिकित्सक आवास का संपर्क टूट चुका है। मरीजों, तीमारदारों और भविष्य में तैनात चिकित्सकों को ऐसी स्थिति में परेशानी उठानी पड़ेगी। विभाग और कार्यदायी संस्था ने निर्माण की गुणवत्ता पर भरोसा जताया था, लेकिन बाढ़ ने इस दावे की पोल खोल दी। परिसर के उत्तरी हिस्से की पूरी चहारदीवारी पानी के दबाव से जमींदोज हो गई है, जबकि दूसरे छोर की कई मीटर लंबी दीवार भी ध्वस्त हो चुकी है। ग्रामीणों ने मांग की है कि निर्माण कार्य की जांच कराई जाए और भविष्य में स्वास्थ्य केंद्र को बाढ़ से सुरक्षित बनाने की ठोस व्यवस्था की जाए।