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    चंदौली में सील अस्‍पताल में चल रहा था इलाज, मां और गर्भस्थ शिशु की मौत के बाद हंगामा

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sun, 26 Oct 2025 01:34 PM (IST)

    चंदौली के नौगढ़ में सील चल रहे आशीर्वाद हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान एक महिला और उसके शिशु की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। मृतका रेशमा को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन डॉक्टरों पर समय पर इलाज न करने का आरोप है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया और जांच का आश्वासन दिया।

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    सील चल रहे आशीर्वाद हास्पिटल में रविवार को एक मां और उसके गर्भस्थ शिशु की दुखद मौत हो गई।

    जागरण संवाददाता, चंदौली। नौगढ़ कस्बे के आशीर्वाद हास्पिटल में रविवार को एक मां और उसके गर्भस्थ शिशु की दुखद मौत हो गई। इस घटना के बाद अस्पताल के चिकित्सक और संचालक मौके से भाग खड़े हुए। स्वजन ने दोनों शवों को अस्पताल के बाहर रखकर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

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    सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन स्वजन अपनी मांग पर अड़े रहे और उच्चाधिकारियों को बुलाने की मांग की। वहीं बाद में पता चला क‍ि पूर्व की व‍िभागीय कार्रवाई में अस्‍पताल को सील कर द‍िया गया था। अस्‍पताल सील होने के बाद गुपचुप दूसरे दरवाले से मरीजों का इलाज क‍िया जा रहा था। इस पूरे प्रकरण में व‍िभाग की भी लापरवाही सामने आई है। 

    मृतका रेशमा मीरजापुर के शेरवा (जमालपुर) गांव की निवासी थीं, जो हाल ही में मायके भैसौड़ा (नौगढ़) आई थीं। शनिवार की शाम उन्हें प्रसव पीड़ा होने पर उनके पिता आशिक अली ने आशीर्वाद हास्पिटल में भर्ती कराया। स्वजन का आरोप है कि चिकित्सकों ने प्रसव कराने के बजाय केवल ड्रिप लगाकर छोड़ दिया।

    रविवार की सुबह तक भी प्रसव नहीं कराया गया, जबकि अल्ट्रासाउंड में समय पूरा होने की पुष्टि की गई थी। इस घटना से स्वजन अत्यंत दुखी और बिलख पड़े हैं। मृतका के पीछे पांच साल की पुत्री सबिया और तीन साल का पुत्र सैफ है।

    स्वजन ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि समय पर उचित चिकित्सा दी जाती, तो यह दुखद घटना टल सकती थी।

    हंगामे के दौरान पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन स्वजन अपनी मांगों पर अड़े रहे। उन्होंने उच्चाधिकारियों की उपस्थिति की मांग की ताकि मामले की उचित जांच हो सके। इस घटना ने अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं पर सवाल उठाए हैं और स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है।