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    गेंदे के फूल की खेती से पांच बिस्‍वा खेती कर बन जाएंगे लखपति, जानें खेती करने का खास तरीका

    By pradeep kumar singhEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sat, 05 Nov 2022 12:31 PM (IST)

    इस बार मानसून के धोखा देने की वजह से तमाम किसानों ने भी अब फूल की खेती की ओर अपने कदम बढ़ाए हैं। दरअसल नकदी फसल होने के साथ ही तमाम अवसरों पर इसकी डिमांड भी बनी रहती है।

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    गेंदे के फूल की खेती कर आप खुद को आर्थिक तौर पर मजबूत कर सकते हैं।

    चंदौली, जागरण संवाददाता। जिले में तमाम छोटे किसानों ने जोत कम होने की वजह से अपने खेतों में गेंदा के फूल की खेती शुरू की है। इसकी वजह से किसान भी अब मालामाल हो रहे हैं। मात्र पांच से छह बिस्वा खेती में साल में एक लाख रुपये तक का मुनाफा आपको आसानी से हो जाएगा। धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली जिले में गेंदा के फूल का रकबा बढ़ा है। कम लागत में बेहतर उत्पादन कर रहे किसान नकदी फसल के रूप में फूलों की खेती की ओर आकर्षित हुए हैं। 

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    चंदौली जिले में इस साल अवर्षण के चलते किसान अब पारंपरिक खेती के बजाय फूल की खेती की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। नतीजतन धान के कटोरे में गेंदा के फूल की खेती का रकबा तेजी से बढ़ रहा है। अबकी वर्ष फूल की खेती की ओर किसानों का रुख तेजी से बढ़ा है। कम लागत में बेहतर उत्पादन कर किसान मालामाल हो रहे हैं।

    सोनहुल, तिलौरी, केराडीह, करेमुआ आदि गांव के सिवान में फूलो की बागवानी मन मोह ले रही है। जहां-तहां गांव में बहुताय क्षेत्रफल में गेंदा फूल की खेती देखी जा सकती हैं। हालांकि अभी किसान शुरूआती दौर में कम रकबे में फूल की खेती कर खर्च व आमदनी का लेखा-जोखा देख रहे हैं। किसानों ने पांच या छह बिस्वा में ही इस बार खेती की और एक किसान को पूरे साल में एक लाख की आमदनी हुई है।

    केराडीह गांव निवासी राजू गोड़ ने अबकी वर्ष छह बिस्वा अपने खेत में गेंदा फूल की खेती की है। इसके पूर्व पिछले तीन वर्षों से अपने सात बिस्वा में गुड़हल की खेती करते चले आ रहे हैं। फूलों की खेती कर बेहतर आमदनी करने वाले राजू गोंड़ कर बहियां बल आपनी छोड़ पराई आश की कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। खुद व परिवार के सदस्यों की मेहनत के बदौलत फूलों की खेती करने के साथ ही बिक्री का कार्य भी खुद करते हैं। विभिन्न पर्व के एक दिन पूर्व फूल तोड़ने के साथ ही गजरा माला बना लेते हैं और रिक्शा ट्राली पर लादकर बाजार की ओर निकल पड़ते हैं।

    तिलक, शादी समेत अन्य आयोजन में ग्राहकों की मांग पर फूलों का गजरा की होम डिलीवरी करते हैं। कहते हैं कि फूल की खेती पिछले तीन वर्ष से कर रहे हैं। इलाके में ही इतनी खपत है कि मंडी में फूल की बिक्री करने का कार्य नहीं करना पड़ा। समारोह, आयोजन आदि कार्यक्रमों में ग्राहकों की मांग बराबर बनी रहती है। अबकी वर्ष लगभग एक लाख का आय अर्जित हुआ। आगामी वर्ष फूलों की खेती का रकबा और बढ़ाएंगे। खुद व परिवार के सदस्यों की मेहनत के बदौलत फूलों की खेती करने के साथ ही बिक्री का कार्य भी खुद करते हैं। राजू को देखकर अन्य किसान भी तेजी से फूल की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं।