यूपी के इस जिले में 200 बीघा में धान की पैदावार चौपट, बीज कंपनी ने किसानों को दिया धोखा, पनपा आक्रोश
चंदौली के शहाबगंज ब्लॉक में बीएन सीड कंपनी के एमटीयु 1318 धान की किस्म से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कंपनी ने प्रति एकड़ 45 कुंतल उपज का वादा किया ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, चंदौली। शहाबगंज ब्लॉक के दर्जनों गांवों में किसानों ने इस खरीफ सीजन में बीएन सीड कम्पनी की धान की वैरायटी एमटीयु 1318 लगाई थी, लेकिन वादा किए गए उत्पादन के जगह फसल खराब हो गई। करीब 200 बीघा में बोया गया यह धान अभी तक हरा पड़ा है, जबकि आसपास के खेतों में धान की कटाई शुरू हो चुकी है। इससे किसान बेहद परेशान हैं।
आरोप है कि कंपनी ने दावा किया था कि यह वैरायटी नाटी मंसूरी सुवर्णा से 15 दिन पहले पक जाएगी और प्रति एकड़ 45 कुंतल (करीब 70 मन प्रति बीघा) पैदावार देगी। बेहतर उपज के लालच में किसानों ने बीज खरीदा, लेकिन नतीजा उल्टा निकला।
फिलहाल स्थिति यह है कि मुश्किल से 40 प्रतिशत पौधों में ही बालियां आई हैं, और जो आई भी हैं उनमें दाने कम, हल्के और अधपके हैं। देर से बाली आने और सर्दी बढ़ने के कारण दाने विकसित नहीं हो पाए।
अनुमान है कि जहां कंपनी ने 45 कुंतल प्रति एकड़ उत्पादन का दावा किया था, वहां यह वैरायटी मुश्किल से 10 कुंतल प्रति एकड़ उपज दे पाएगी।
किसानों के आरोपों के बाद बीएन सीड कम्पनी की टीम दो बार सर्वे तो करने आई, लेकिन आज तक कोई ठोस समाधान नहीं दिया गया। इससे किसानों में गहरा रोष है।
किसान विकास मंच के उपाध्यक्ष इंद्रदेव यादव ने खेतों का निरीक्षण कर स्थिति को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि किसानों से पैसा लेने के बाद कंपनी अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रही है, जो अनुचित है।
वहीं, संगठन मंत्री राम अवध सिंह ने पीड़ित किसानों को सलाह दी कि वे बीएन सीड कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराएं और फसल नुकसान की भरपाई तथा हर्जाना की मांग करें। उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जानकारी उप कृषि निदेशक भीमसेन और जिला कृषि अधिकारी डॉ. विनोद यादव को भेजी जाएगी।
किसानों ने मांग की कि आगामी जिला किसान दिवस में जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग इस कंपनी के ऐसे बीजों की बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश जारी करें।
इस धान की खेती जिगिना, बरांव, अरारी, सेमरां, मसोईं, हड़ौरा, बरियारपुर लेहरां, बड़ौरा सहित कई गांवों में हुई है, जहां किसान काफी नुकसान झेल रहे हैं। किसानों का कहना है कि इससे खरीफ के साथ आगामी रबी सीजन पर भी असर पड़ेगा।
आक्रोश जताने वालों में प्रमुख रूप से राम अवध सिंह, इंद्रदेव यादव, राजबंश, रामचरन, मनोज, उमेश यादव, पप्पू, मिठ्ठू यादव, चंदन सिंह और सत्यनारायण सिंह शामिल है।

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