चंदौली के जंगल में भालू ने हमला कर व्यक्ति को किया गंभीर रूप से घायल, अस्पताल में भर्ती
चंदौली के जंगल में एक भालू ने एक व्यक्ति पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज च ...और पढ़ें

घटना उस समय हुई जब विभूति नारायण शनिवार की रात खेतों की रखवाली करने के बाद अपने घर लौट रहे थे।
जागरण संवाददाता, चंदौली (चकरघट्टा)। लेड़हां जंगल में रविवार सुबह भालू के हमले से सेमरा कुसही गांव निवासी विभूति खरवार(55 वर्ष) घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब विभूति नारायण शनिवार की रात खेतों की रखवाली करने के बाद रविवार की सुबह अपने घर लौट रहे थे।
रास्ते में अचानक भालू ने उन पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना की जानकारी मिलने पर उनके परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे और घायल विभूति नारायण को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ ले गए। वहां चिकित्सकों ने उनका प्राथमिक उपचार किया। चिकित्सकीय देखरेख के बाद उनकी स्थिति में सुधार होने पर उन्हें घर भेज दिया गया।
यह घटना क्षेत्र में वन्यजीवों के साथ मानव संघर्ष की एक और मिसाल है। भालू के हमले की यह घटना स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय बन गई है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगलों में भालू की संख्या बढ़ रही है, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह इस समस्या का समाधान निकाले और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ समय से भालू के हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। इससे पहले भी कई बार भालू ने ग्रामीणों पर हमला किया है, जिससे कई लोग घायल हो चुके हैं। इस प्रकार की घटनाओं से ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोग अपने खेतों में काम करने से डरने लगे हैं, क्योंकि उन्हें भालू के हमले का खतरा बना रहता है।
इस घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन ने वन विभाग से संपर्क किया है ताकि भालू की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। वन विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले की गंभीरता को समझते हैं और जल्द ही उचित कदम उठाएंगे। इसके साथ ही, ग्रामीणों को भी सलाह दी गई है कि वे जंगल में जाने से पहले सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पूर्वांचल में भी मानव और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाए रखना कितना आवश्यक है। वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ मानव सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। इसलिए, यह आवश्यक है कि स्थानीय प्रशासन और वन विभाग मिलकर इस समस्या का समाधान करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
विभूति खरवार के घायल होने की घटना ने क्षेत्र में एक बार फिर से वन्यजीवों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि यह पूरे समुदाय के लिए चिंता का विषय बन जाती हैं।

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