विदायी की बेला में मानसून की इनायत बढ़ाएगा धान का उत्पाद, बारिश की बूंदों में नाइट्रोजन की मात्रा से बढ़ने लगे पौधे
बारिश मानसून की विदायी के अंतिम समय में खूब होने की वजह से अब मानसूनी सक्रियता के बीच धान की सूखती फसलों को संजीवनी दे रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में धान का उत्पादन बढ़ेगा।
चंदौली, जागरण संवाददाता। धान के कटोरे में देर से ही सही एक दो दिन के अंतराल पर हो रही रिमझिम बारिश से धान की पैदावार बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। कृषि विज्ञानियों की मानें तो बारिश की बूंदों में नाइट्रोजन की मात्रा से जहां पौधों का विकास होगा, वहीं फसल में रोग की संभावना भी कम हो जाएगी। इसकी वजह से पौधों की बढ़त भी शुरू हो गई है।
कृषि प्रधान जनपद में खरीफ के चालू सीजन में एक लाख 13 हजार हेक्टेअर में खेती का लक्ष्य निर्धारित था, लेकिन मानसून के दगा देने से धान की खेती पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। पानी के अभाव में नौगढ़, शिकारगंज, वनगांवा आदि पहाड़ी इलाकों में खेत परती ही रह गए हैं। हालांकि मैदानी क्षेत्रों के किसानों ने नहरों व निजी संसाधनों के सहारे खेती की है, लेकिन बारिश नहीं होने से किसान मायूस थे। देर से ही सही सितंबर माह में पिछले तीन दिनों से रूक रूक हो रही रिमझिम बारिश से धान की खेती को बल मिला है। आने वाले दिनों में भी दो-चार दिन के अंतराल पर बारिश होती रही तो उत्पादन में बढ़ोतरी होने की संभावना बढ़ जाएगी।
दो सौ मिमी हुई बारिश
जनपद में मानसून ऋतु के दौरान अब तक कुल 200.5 मिमी बारिश हुई है जो 651 मिमी के दीर्घकालिक औसत के सापेक्ष 69 फीसदी कम है। जनपद मानसून वर्षा की दृष्टि से निरंतर अति अल्प श्रेणी में बना है।
बोले अधिकारी : रिमझिम बारिश से धान की फसल को फायदा होगा। बारिश की बूंदों में नाइट्रोजन की उपलब्धता पौधों के विकास में सहायक सिद्ध तो होगी ही रोग की संभावना भी कम होगी। - डा एसपी सिंह, कृषि विज्ञानी
- रुक-रुक कर हो रही बारिश से धान की फसल को फायदा है। आने वाले दिनों में भी यही स्थिति बनी रही तो पैदावार बढ़ने की उम्मीद है। - बसंत कुमार दूबे, जिला कृषि अधिकारी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।