स्वर्गीय बावला के घर पहुंचे जिलाधिकारी
चकिया (चंदौली): भोजपुरी के पुरोधा रामजियावन दास बावला के निधन पर परिजनों को ढांढस बंधाने आखिरकार डीएम पवन कुमार पहुंच ही गए। परिजनों से जिलाधिकारी मिले और आश्वस्त किया कि स्व. बावला की अप्रकाशित कृतियों को प्रकाशित करने में जिला प्रशासन हा संभव मदद करेगा।
गौरतलब हो कि भोजपुरी के तुलसीदास की उपाधि से नवाजे गये रामजियावनदास बावला का निधन एक मई को हो गया था। निधन की खबर लगते ही साहित्य जगत से जुड़े लोगों सहित आम-जन मानस में शोक की लहर दौड़ गई। हर कोई उनके भीषमपुर गांव स्थित पैतृक आवास पहुंच कर शोक संवेदना जताने में लग गया। निधन के तीसरे दिन गुरुवार को जिलाधिकारी पवन कुमार ने बावला जी के घर पहुंच कर तकरीबन आधे घंटे तक परिजनों से आवश्यक जानकारी हासिल की। आश्वस्त किया कि धनाभाव के चलते अप्रकाशित रचनाओं को प्रकाशित कराने का काम जिला प्रशासन करेगा। अहम यह कि तहसील मुख्यालय से महज चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित बावला जी के गांव स्थानीय प्रशासन ने जाना तक मुनासिब नहीं समझा था। किंतु डीएम का आना शिकायत को दूर कर गया। किंतु आश्चर्यजनक यह कि एक भी जनप्रतिनिधि शोक संवेदना जताने बावला जी के गांव अभी तक नहीं पहुंचा। ग्रामीणों में चर्चा रही कि सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों को तो छोड़िए पूर्व जनप्रतिनिधियों ने भी आना मुनासिब नहीं समझा।
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