गर्मी का आगाज, ताल तलैया सूखे
चकिया (चंदौली) : गर्मी के आगाज के साथ ही ताल तलैया पोखरा का जल स्तर तेजी से खिसकने लगा है। तेजी से मौसम में बदलाव की बानगी सिकंदरपुर स्थित ऐतिहासिक तालाब है। गर्मी से जल स्तर के तेजी से खिसकने का दौर इसी प्रकार जारी रहा वैशाख जेठ में स्थिति बेहद ही चिंताजनक होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
इस वर्ष माकूल बरसात नहीं हुई। फागुन माह में ही तीखी धूप के असर से जलस्तर तेजी से खिसकने लगा है। इसको लेकर खासकर पशु पालकों के माथे पर बल पड़ गया है। कारण अधिसंख्य पशु पालकों को पशुओं को धोने, पानी पिलाने का सहारा ताल तलैया, तालाब बंधी ही है। बंधियों की स्थिति तो सबसे खराब है। करेलबा, मुबारकपुर, ढोढ़नपुर, बोदलपुर आदि दर्जनों बंधी विभागीय लापरवाई की भेंट चढ़ गई हैं। इन बंधियों में रंचमात्र पानी शेष नहीं है। इसको लेकर समीपवर्ती गांव के पशु पालकों में हाय-तौबा मच गई है। हांलाकि पर्वतीय व पठारी इलाकों के अपेक्षा चौबिसहा में फिलहाल स्थिति सामान्य है लेकिन जिस वेग से जलस्तर नीचे खिसक रहा है आने वाला समय काफी खतरनाक होने की उम्मीद बलवती नजर आने लगी है। ताजातरीन उदाहरण सिकंदरपुर स्थित ऐतिहासिक तालाब है जिसकी तस्वीर इस बात की गवाही देती फिर रही है कि जल स्तर तेजी से नीचे चला गया है। जानकार बताते हैं कि मौसम की अनियमितता के पीछे प्रकृति का दोहन है। इसको रोकने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन बंद करना होगा। पेड़ों को बचाना होगा। ऐसा नहीं किया गया तो मौसम की अनियमितता जीवन के लिए घातक सिद्ध होगी।
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