World AIDS Day: लापरवाही के कारण हर साल बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा..ऐसे करें एड्स से बचाव, जानें लक्षण
एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने के सरकारी प्रयासों के बावजूद, हर महीने बुलंदशहर में 23 लोग संक्रमित हो रहे हैं, जिनमें ज्यादातर असुरक्षित यौन संबंध के कारण हैं। कल्याण सिंह राजकीय मेडिकल कॉलेज में मुफ्त जांच और दवा उपलब्ध है, जहाँ 1763 रोगियों का इलाज चल रहा है। महिलाओं में संक्रमण का खतरा अधिक है। जागरूकता और सावधानी से एड्स से बचाव संभव है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। जानलेवा बीमारी एड्स से बचाव के लिए सरकार पूरा जोर दे रही है। जागरूकता कार्यक्रम, मुफ्त जांच और मुफ्त दवा पर मोटा बजट खर्च किया जा रहा है। बावजूद इसके लोग संक्रमित हो रहे हैं। अज्ञानता और लापरवाही के कारण जिले में हर माह 23 लोग एड्स की चपेट में आ रहे हैं।
इसमें सर्वाधिक मरीज वह हैं जोकि असुरक्षित यौन संबंध के कारण बीमारी की चपेट में आए हैं। एड्स से बचाव के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।
कल्याण सिंह राजकीय मेडिकल कॉलेज में संचालित एआरटी (एंटी रोट्रावायरल थेरेपी केंद्र) सेंटर पर एड्स के संदिग्ध मरीजों की जांच की जा रही है। पहले एड्स की जांच और दवा के लिए मरीजों को मेरठ जाना पड़ता था, लेकिन 2019 से मुफ्त जांच और मुफ्त दवा की सुविधा जिले में ही दी जा रही है।
वर्तमान में 1763 एड्स रोगियों का इलाज चल रहा है। इसमें 1500 एड्स रोगी ऐसे हैं जोकि असुरक्षित यौन संबंध के कारण बीमारी से घिर गए हैं। इनमें महिला रोगियों की संख्या 920 है।
जनवरी से अब तक एड्स के कारण 19 मरीजों की मौत हुई है। एआरटी के नोडल के अधिकारी डॉ. रमित कुमार सिंह का कहना है कि जिले में मिले एड्स पीड़ित मरीजों में पुरुषों की तुलना में महिला मरीजों की संख्या अधिक है। पुरुष की तुलना में महिला में एचआईवी का संचरण अधिक प्रभावी होती है, क्योंकि गुप्तांग के भीतर एचआईवी को प्रवेश करने का एक आसान मार्ग मिल जाता है।
एड्स की रोकथाम के लिए शिविरों में जांच की जाती है। लोग जागरूक रहें और सावधानी बरतें तो बढ़ते एड्स से बचा जा सकता है।
बीमारी फैलने का कारण
एचआईवी संक्रमित साथी के साथ यौन संपर्क बनाना, दूषित सुइयों, सिरिंज या अन्य नशीली दवाओं के उपकरणों से संक्रमित रक्त के संपर्क में आने से भी एड्स फैलता है।
महिलाओं में एड्स के लक्षण
- लगातार उल्टी और दस्त होना
- काफी वजन कम होना
- रात के समय बहुत पसीना आना
- अत्याधिक थकान महसूस होना
- मुंह या जननांगों पर छाले आना
- त्वचा का रंग बिगड़ना
पुरूषों में एड्स के लक्षण
- गले में खराश होना
- शुरूआती लक्षण में बुखार आना
- थकान बहुत ज्यादा होना
- मांसपेशियों में बहुत दर्द होता है
- लसीका ग्रंथियों (लिम्फ नोड्स) में सूजन आना
- प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है

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