क्या है 'ला नीना इफेक्ट'? सर्द हवा ने बढ़ाई ठिठुरन-गलन, आने वाले दिनों में और बिगड़ेंगे हालात
बुलंदशहर में पश्चिमी हवाओं के चलते ठंड बढ़ गई है, जिससे दिन और रात के तापमान में गिरावट आई है। मौसम विज्ञानी के अनुसार, ला-नीना के प्रभाव से सर्दी लंब ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। पहाड़ों पर सक्रिय विक्षोभ से शहर में प्रवेश कर रही पछुआ हवा ने ठिठुरन और गलन बढ़ा दी है। शनिवार को दिन के पारा में एक डिग्री और रात के तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई। धूप भी सर्द हवा के सामने बेअसर नजर आने लगी है। आगामी दिनों में पारा सामान्य से कम बने रहने का अनुमान है।
कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी डा. लक्ष्मीकांत ने बताया कि दिसंबर माह का एक सप्ताह बीत चुका है। सर्दी थोड़ी लेट है। अब भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में ला-नीना परिस्थितियों में गिरावट और हिंद महासागरीय द्विध्रुव के तटस्थ परिस्थितियों में बदलाव होने ने ठिठुरन बढ़ा दी है।
जिससे दिन में आसमान साफ होने पर निकल रही चटख धूप का असर भी कम होने लगा है। ला नीना इफेक्ट आते ही सर्दी शुरू हो गई। अब सुबह के समय कोहरा आना भी शुरू होगा। शनिवार को अधिकतम तापमान 24 और न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आने वाले दिनों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी।
मौसम विज्ञानी के मुताबिक ला नीना प्रशांत महासागर में होने वाली प्राकृतिक जलवायु घटना से जुड़ी है। इसके असर से ठंडी हवाएं बहने लगती हैं। इस वर्ष ला नीना की स्थिति है और यह प्रभावी हो गई है। इससे माना जा रहा है कि सर्दी लंबे समय तक पड़ेगी। उधर, दिसंबर वाली सर्दी ने पड़ने से किसान परेशान हैं।
किसानों का मानना है कि अब भी कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ेगी तो फसलों का उत्पादन प्रभावित होगा। डा. लक्ष्मीकांत का कहना है कि सर्दी के मौसम में पशुओं को भी बचाकर रखें।
उधर, जिला अस्पताल के चिकित्सक डा. परविंदर सिंह का कहना है कि सर्दी की चपेट में आने पर बीमार होना तय है। इसलिए सर्दी से बचकर रहें। बीमार होते ही तुरंत अस्पताल पहुंचें।

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