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    मदर न्यू बोर्न केयर यूनिट संचालन को दिया प्रशिक्षण

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 29 Nov 2021 10:29 PM (IST)

    जेएनएन बुलंदशहर जिला कस्तूरबा महिला अस्पताल में तैयार हो रहे एमएनएसीयू वार्ड का क्रियाशील करने के लिए कम्यूनिटी इमपावरमेंट लैब द्वारा अस्पताल स्टाफ को प्रशिक्षण प्रदान किया।

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    मदर न्यू बोर्न केयर यूनिट संचालन को दिया प्रशिक्षण

    जेएनएन, बुलंदशहर : जिला कस्तूरबा महिला अस्पताल में तैयार हो रहे एमएनएसीयू वार्ड का क्रियाशील करने के लिए कम्यूनिटी इमपावरमेंट लैब द्वारा अस्पताल स्टाफ को प्रशिक्षण प्रदान किया। पैरामेडिकल स्टाफ को वार्ड में भर्ती होने वाले नवजात शिशु और माता को वार्ड रखने के बारे बारीकी से जानकारी दी। कम्युनिटी एम्पावरमेंट लैब (सीईएल ) की क्षेत्रीय प्रबंधक प्रिया चतुर्वेदी व नर्स कोच सीमा तथा अगरिमा कमलेश ने 20 बेड के मदर न्यू बोर्न केयर यूनिट (एमएनसीयू) संचालन के लिए पैरामेडिकल स्टाफ को दो दिवसीय प्रशिक्षण की शुरूआत की। जिसमें स्टाफ को एमएनसीयू में नवजात शिशु व मां को भर्ती करने के बाद किस तरह नवजात शिशु व मा को रखा जाएगा। इस वार्ड में कम वजन व समय से पूर्व जन्म लेने वाले बच्चों को भर्ती किया जाएगा। जिसमें मां नवजात को कंगारू केयर से कैसे गर्माहट दें सकेंगी। इसके बारे में विस्तारपूर्वक पैरामेडिकल स्टाफ को जानकारी दी गई। प्रिया चतुर्वेदी ने बताया कि कम वजन वाले नवजात शिशु को गर्माहट की आवश्यकता होती है। इसलिए कंगारू केयर उपचार नवजात को मां द्वारा दिलवाया जाता है। मां को शिशु को अपने सीने से 24 में से 20 घंटे सीने से चिपका कर रखना होता है। जिससे नवजात को स्कीन टू स्कीन केयर यानि गर्माहट मिल सके।तापमान सामान्य रहे, इंफेक्शन कम हो, स्तनपान जारी रहे, मां और शिशु के बीच बॉन्डिग बनें और उनकी जान बच सके। इससे मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।

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    इन्होंने कहा..

    मदर न्यू बोर्न केयर यूनिट के संचालन के लिए 50 पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है। जिसमें 25 पैरामेडिकल स्टाफ को मंगलवार को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

    - प्रिया चतुर्वेदी, क्षेत्रीय प्रबंधक सीईएल