Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रोमांच और आकर्षण का केंद्र 'बारहखंबा'

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:24 PM (IST)

    पिछली कई सदियों से शिकारपुर की शान और रोमांच का केंद्र बना बारहखंबा इमारत आज भी यहां आने वाले पर्यटकों के लिए जिज्ञासा का केंद्र बना हुआ है। इमारत को ...और पढ़ें

    Hero Image
    रोमांच और आकर्षण का केंद्र 'बारहखंबा'

    बुलंदशहर, जेएनएन। पिछली कई सदियों से शिकारपुर की शान और रोमांच का केंद्र बना बारहखंबा इमारत आज भी यहां आने वाले पर्यटकों के लिए जिज्ञासा का केंद्र बना हुआ है। इमारत को लेकर लोगों के तमाम तर्क हैं, लेकिन यहां के लोग इस अचंभित कर देने वाली इमारत को कस्बा की मुख्य पहचान मान चुके हैं। पिछले काफी समय से लोग इस इमारत को मुख्य पर्यटन स्थलों में घोषित कर विकास कराने की मांग भी कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदेश के पुरातत्व विभाग में दर्ज रिकार्ड के अनुसार शिकारपुर कस्बा सात सदी पहले बसाया गया था। तब इसे शिकारगाह के नाम से जाना जाता था। यहां तब के राजा-महाराजा और नवाब शिकार खेलने के लिए आया करते थे। इसी दौरान यहां बारहखंबा इमारत का निर्माण कराया गया था। हालांकि इमारत अधूरी है, इसका पूरा निर्माण नहीं किया जा सका। मेरठ-बदायूं स्टेट हाईवे शिकारपुर बाईपास से मात्र चंद कदमों की दूरी पर स्थित एतिहासिक इमारत को देखने के लिए हर वर्ष करीब बीस हजार से अधिक पर्यटक यहां पहुंचते हैं।

    कहानी और किवदंतियों में इमारत

    स्थानीय लोगों में इमारत के निर्माण को लेकर तमाम किवदंती और कहानियां है। स्थानीय लोग मानते हैं कि इस इमारत का निर्माण एक ही रात में अदृष्य शक्तियों द्वारा किया गया था, लेकिन सुबह हो जाने के कारण निर्माण कार्य अधूरा ही रह गया। कुछ लोग बताते हैं कि राजा सिकंदर लोधी के धर्मगुरु सैयद अब्दुल्ला कुतुब बुखारी की इबादत स्थली शिकारपुर थी। इसी दौरान यहां इस इमारत का निर्माण कराया गया।

    सदियों से तन कर खड़े हैं 16 खंबे

    इमारत में कुल 16 खंबे एवं 12 खन यानी दरवाजे हैं। इसकी खासियत है कि हर तरफ से देखने पर 12 दरवाजे ही नजर आते हैं। सदियों पहले हुए निर्माण से लेकर आज तक आंधी-तूफान में इस इमारत का कुछ नहीं बिगड़ा। कई बार इसकी छत का निर्माण कराने का प्रयास भी किया गया। लेकिन छत पूरी नहीं हो पाई।