वनस्थली विद्यापीठ की छात्राओं ने जानी पाटरी उद्योग की बारीकियां
वनस्थली विद्यापीठ की छात्राओं ने खुर्जा में पाटरी उद्योग की बारीकियां सीखी और यहां बनने वाले प्रोडक्ट के संबंध में जानकारी जुटाई। साथ ही ऊर्जा बचत और ...और पढ़ें

जेएनएन, बुलंदशहर। वनस्थली विद्यापीठ की छात्राओं ने खुर्जा में पाटरी उद्योग की बारीकियां सीखी और यहां बनने वाले प्रोडक्ट के संबंध में जानकारी जुटाई। साथ ही स्कूल की कई छात्राओं ने ऊर्जा बचत और टेराकोटा के सामान में चमक लाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया। चार माह की ट्रेनिग पूरी होने के बाद उन्हें सीजीसीआरआइ से सार्टिफिकेट दिए गए हैं।
खुर्जा स्थित सीजीसीआरआइ (सेंट्रल ग्लास एंड सिरेमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट) में राजस्थान टोंक के वनस्थली विद्यापीठ की चार छात्राएं चार माह पहले ट्रेनिग लेने के लिए पहुंची थीं। जहां सबसे पहले उन्होंने पाटरी उद्योग की बारीकियों को सीखा। जिसमें रॉ मैटेरियल के आने से लेकर क्रॉकरी उत्पाद बनने और रैकिग के बाद बाजार में बिक्री की प्रक्रिया को देखा। जिसके बाद बीटेक फाइनल ईयर की छात्रा हिमांशी चौहान व रति भारद्वाज ने ऊर्जा बचत को लेकर प्रोजेक्ट तैयार किया। जिसके लिए उन्होंने दर्जनभर से अधिक पाटरियों में पहुंचकर बेवजह बर्बाद होने वाली ऊर्जा को कम करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया। वहीं छात्रा कृषि सिंह व वैष्णवीं ने टेराकोट के बर्तनों पर चमक लाने को लेकर कार्य किया। उन्होंने टेराकोटा के बर्तनों पर कोटिग के दौरान सिरेमिक कलर का प्रयोग किया। जिससे यह बर्तन पहले से अधिक चमक गए। वहीं उन्होंने टेराकोटा के बर्तनों पर डिजाइन भी तैयार की। गुरुवार को चारों छात्राओं ने अपने तैयार किए गए प्रोजेक्ट को सीजीसीआरआइ के प्रभारी वैज्ञानिक डा. एलके शर्मा के समक्ष रखा। जिसके बाद उसके विषय में विस्तार से जानकारी दी। सीजीसीआरआइ के वैज्ञानिकों ने छात्राओं को पॉटरी उद्योग की कई बारीकियों की जानकारी दी।

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