शिरोमणि श्री सीताराम बाबा हुए ब्रह्मलीन
रौरा क्षेत्र के प्रख्यात संत परम पूजनीय सीताराम बाबा बुधवार की तड़के अपने राजघाट स्थित आश्रम में ब्रह्मलीन हो गए। महाराज जी के शरीर को उनके ही आश्रम में उनके शिष्य द्वारा मुखाग्नि दी गई। महाराज जी के निधन की सूचना पाकर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के अलावा राजस्थान के अनेकों उनके भक्त राजघाट पहुंचे।

बुलंदशहर, जेएनएन। नरौरा क्षेत्र के प्रख्यात संत परम पूजनीय सीताराम बाबा बुधवार की तड़के अपने राजघाट स्थित आश्रम में ब्रह्मलीन हो गए। महाराज जी के शरीर को उनके ही आश्रम में उनके शिष्य द्वारा मुखाग्नि दी गई। महाराज जी के निधन की सूचना पाकर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के अलावा राजस्थान के अनेकों उनके भक्त राजघाट पहुंचे।
महाराज जी के शिष्य हरिओम दुबे ने बताया कि महाराज जी लगभग 70 वर्ष पूर्व राजघाट आए थे और तब भी वह वृद्ध थे। उनके उम्र के बारे में सही अंदाज तो किसी को नहीं है लेकिन वह काफी उम्र दराज थे। महाराज जी ने लगभग 1 सप्ताह से अन्न का त्याग कर रखा था । बुधवार की प्रात: उन्होंने अपने शरीर का त्याग कर दिया। आश्रम परिसर में उनके शिष्य बब्बू बाबा द्वारा मुखाग्नि दी गई। इस मौके पर नरौरा के पूर्व चेयरमैन मदन वशिष्ठ, पूर्व विधायक गुड्डू पंडित, ग्राम प्रधान ओमवीर सिंह सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे। हजरत शाह मंसूर एजाज के इंतकाल पर शोक जताया
गुलावठी में सज्जादा नशीन हजरत शाह मंसूर एजाज कुद्दूसी साबरी के इंतकाल पर शोक जताते हुए मगफिरत की दुआ की। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच मेरठ प्रांत संयोजक कदीम आलम एडवोकेट ने कहा कि हजरत शाह मंसूर एजाज साबरी ने कलियर शरीफ की मशहूर दरगाह सरकार साबिर पाक के सज्जादा नशीन रहते हुए 37 वर्षों के कार्यकाल में सूफीवाद का परचम हिदुस्तान की सर जमी पर ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेकों मुल्कों के अंदर सूफीवाद का प्रचार प्रसार किया। अब्दुल्ला साबरी ,दिलशाद साबरी ,रेहान साबरी ,मोहम्मद फुरकान साबरी, मास्टर वसीम साबरी ,सूफी आरिफ, तस्लीम साबरी, जफरुद्दीन सैफी ,भूरा सलमानी, हाजी आमीन अल्वी आदि ने भी शोक जताया।
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