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    रेल की पटरी को बनाया हुआ है इन्होंने शौचालय

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 04 Oct 2018 10:02 PM (IST)

    भले ही प्रशासन जिले को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) करने की जद्दोजहद में जुटा हो लेकिन घुमंतू जाति के लोग इस योजना को शत-प्रतिशत परवान चढ़ने में बाधक हैं। जिले में इस जाति के एक भी परिवार के पास शौचालय नहीं है। ये परिवार खेत या फिर रेल की पटरी को ही शौचालय मानते हैं।

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    रेल की पटरी को बनाया हुआ है इन्होंने शौचालय

    बुलंदशहर : भले ही प्रशासन जिले को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) करने की जद्दोजहद में जुटा हो लेकिन घुमंतू जाति के लोग इस योजना को शत-प्रतिशत परवान चढ़ने में बाधक हैं। जिले में इस जाति के एक भी परिवार के पास शौचालय नहीं है। ये परिवार खेत या फिर रेल की पटरी को ही शौचालय मानते हैं।

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    जिले में नौ नगर पालिका और आठ नगर पंचायत हैं। इनमें पहले से ही काफी शौचालय बने हुए थे। जिन लोगों के पास शौचालय नहीं हैं, उनके यहां बीते दो साल से निर्माण कराया जा रहा है। सरकारी अमले का दावा है कि नगरों में लगभग शत-प्रतिशत शौचालय बनाए जा चुके हैं। सर्वे व निरीक्षण आदि कराकर 15 अक्टूबर को जिले को ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य है।

    जिला मुख्यालय की बात की जाए तो यहां नुमाईश ग्राउंड, रेलवे स्टेशन के निकट, विकास भवन के सामने और पुराना बस अड्डे के निकट घुमंतू जाति के परिवार रहते हैं। उनकी अपनी निजी भूमि न होने के कारण शौचालय भी नहीं बन सके हैं। इससे उक्त परिवार जिले को ओडीएफ करने में रोड़ा बनेंगे। उनका शौचालय खेत या फिर रेल की पटरी बनी हुई है। सार्वजनिक शौचालयों पर लटके रहते हैं ताले

    अधिकारियों का कहना है कि खुले में शौच करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए गैर कानूनी है। फिर चाहे घुमंतू जाति हो या अन्य कोई। घुमंतू जाति के लोगों को सार्वजनिक शौचालय में जाने की हिदायत दे रखी है, लेकिन कहीं सार्वजनिक शौचालयों पर ताले लटके रहते हैं तो कहीं इस जाति के लोग स्वयं ही शौचालयों को इस्तेमाल नहीं करते हैं। पेट्रोल पंपों के साथ-साथ विकास भवन तक के शौचालयों में ताले लगे रहते हैं। जबकि इन सार्वजनिक शौचालयों पर ताले नहीं लगने चाहिए। गांवों में नजर रखने के लिए बनाई थी समिति

    गांव में खुले में शौच करने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए प्रशासन ने टीम गठित की थी। इसमें संबंधित गांव के ग्राम पंचायत अधिकारी, प्रधान व दो ग्राम पंचायत सदस्य शामिल किए थे। इस टीम को निर्देश दिए गए थे कि वह खुले में शौच जाने वालों को पहले समझाएंगे। बार-बार समझाने के बाद भी नहीं माने तो ऐसे लोगों पर पांच सौ रुपये जुर्माना किया जाएगा। अभी इस टीम ने किसी पर जुर्माना तो नहीं किया है, लेकिन डीपीआरओ अमरजीत ¨सह ने बताया है कि टीम लगातार काम कर रही है। इन्होंने कहा

    नगरों में लगभग शत प्रतिशत शौचालय निर्माण हो चुका है। निरीक्षण के बाद इन्हें ओडीएफ घोषित किया जाएगा। घुमंतू जाति के लोगों को सार्वजनिक शौचालयों में जाने के निर्देश दिए हैं। अगर कोई खुले में शौच जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कराएंगे। पेट्रोल पंप, सरकारी या सार्वजनिक शौचालयों में ताले लगे मिलते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।

    - अरविंद कुमार मिश्र, एडीएम प्रशासन।