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    बुलंदशहर हाईवे पर 2016 में मां-बेटी से गैंगरेप मामले में मिला इंसाफ, पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा

    By Vipin KumarEdited By: Sakshi Gupta
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 03:24 PM (IST)

    बुलंदशहर में अलीगढ़-गाजियाबाद हाईवे पर 2016 में हुए मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और लूटपाट मामले में विशेष पॉक्सो कोर्ट ने पांच दोषियों को आजीवन क ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। अलीगढ़-गाजियाबाद हाईवे स्थित दोस्तपुर फ्लाई ओवर के पास मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म एवं लूटपाट मामले के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा।

    विशेष पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने पांचों दोषियों को सजा सुनाई है। शुरुआती जांच में 11 आरोपितों के नाम सामने आए थे। दो आरोपित पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं, तीन को सीबीआइ ने क्लीनचिट दे दी थी। एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।

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    विशेष लोक अभियोजक वरुण कौशिक ने बताया कि नोएडा का परिवार 29 जुलाई, 2016 की रात कार से शाहजहांपुर स्थित रिश्तेदारी में गमी में शामिल होने जा रहा था। कार में 14 वर्षीय किशोरी और उसकी मां सहित परिवार के छह लोग थे।

    हाईवे पर दोस्तपुर फ्लाई ओवर के पास कार के सामने राड फेंककर सशस्त्र बदमाशों ने रोक लिया था। सभी को खेत में ले जाकर बंधक बना लिया, लूटपाट करने के बाद मां और नाबालिग बेटी के साथ दूसरे खेत में सामूहिक दुष्कर्म किया था।

    शुरुआती जांच में पुलिस ने जुबेर उर्फ परवेज, सलीम उर्फ दीवानजी उर्फ बीना, साजिद, रहीसुद्दीन, जावेद उर्फ सावेज और जबर सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। घटना सुर्खियों में आने के बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सियासी घमासान शुरू हो गया था। पुलिस पर लापरवाही के आरोप भी लगे थे।

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए 12 अगस्त, 2016 को जांच पुलिस से हटाकर सीबीआइ को सौंप दी थी। सीबीआइ ने 19 अगस्त, 2016 को जांच शुरू की। पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिलने पर रहीसुद्दीन, जावेद और जबर सिंह को क्लीन चिट दे दी थी।

    इसी बीच हरियाणा की नूंह पुलिस ने लूटपाट के एक मामले में बावरिया गिरोह के सदस्य धर्मवीर उर्फ राका, जितेंद्र, नरेश उर्फ संदीप उर्फ राहुल, सुनील उर्फ सागर और असलम उर्फ अजय उर्फ कालिया को गिरफ्तार किया था। इन लोगों ने बुलंदशहर में लूटपाट और मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम देना स्वीकार किया था। असलम हरियाणा का इनामी पुलिस की मुठभेड़ में मारा गया था।

    सीबीआइ जांच में सामने आए आरोपित बंटी उर्फ बबलू को नोएडा एसटीएफ ने तीन जुलाई, 2020 को मुठभेड़ में ढेर किया था। सीबीआइ ने जुबेर, सलीम, साजिद, नरेश, सुनील और धर्मवीर के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।

    सुनवाई के दौरान आरोपित सलीम की बीमारी के चलते बुलंदशहर जेल में मौत हो गई थी। मामला सुनवाई के लिए विशेष पाक्सो कक्ष संख्या पांच की अदालत में पहुंचा। शनिवार को न्यायाधीश ने नरेश, धर्मवीर, सुनील, जुबेर और साजिद को दोषी करार देते सोमवार को सजा सुनाने का ऐलान किया था।

    सोमवार को न्यायाधीश ओमप्रकाश वर्मा तृतीय ने दोषी सभी को दोषी नरेश, धर्मवीर, सुनील, जुबेर और साजिद को आजीवन कारावास और 1.81 लाख- 1.81 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने अर्थ दंड में से आधी धनराशि पीड़ित परिवार को देने के भी आदेश दिए हैं