खतरनाक हैं इस इलाके के कुत्ते! यूपी में रेबीज से कबड्डी खिलाड़ी की मौत, गांव में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
खुर्जा के फराना गांव में एक कबड्डी खिलाड़ी की रेबीज से मौत हो गई। खिलाड़ी ने दो महीने पहले एक पिल्ले को बचाया था जिसने उसे काट लिया था लेकिन उसने एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लगवाई थी। बाद में रेबीज के लक्षण दिखने पर उसे कई अस्पतालों में ले जाया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में 29 लोगों को एआरवी लगाई और जागरूकता फैलाई।

संवाद सहयोगी, खुर्जा। एआरवी (एंटी रेबीज वैक्सीन) न लगवाने की लापरवाही फराना गांव निवासी 22 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी के लिए जानलेवा साबित हो गई। रेबीज के लक्षण आने पर स्वजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल कई शहरों में दौड़े, लेकिन कबड्डी खिलाड़ी को बचाया नहीं जा सका। रेबीज के कारण खिलाड़ी की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में पहुंचकर जानकारी की और स्वजन समेत मोहल्ले के 29 लोगों को एआरवी लगाई।
गांव फराना निवासी दीपक सोलंकी ने बताया कि उनका 22 वर्षीय भतीजा बृजेश सोलंकी पुत्र सतीश सोलंकी कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी था। इस समय बृजेश सोलंकी प्रो कबड्डी में जाने की तैयारी कर रहे थे। लगभग दो माह पहले गांव में ही एक गहरी नाली में लगभग तीन से चार माह का कुत्ते का पिल्ला गिर गया था।
पिल्ला नाली से निकल नहीं पा रहा था। कबड्डी खिलाड़ी ने पिल्ले को नाली से निकाला। उसी दौरान पिल्ले ने खिलाड़ी को हाथ में दांत मार दिया। पिल्ला होने और हल्का दांत लगा होने को खिलाड़ी ने लापरवाही में लिया। खिलाड़ी ने एआरवी नहीं लगवाई। बात आई गई हो गई।
अब खिलाड़ी रोज की तरह 25 जून को कबड्डी का अभ्यास कर रहा था। अभ्यास के दौरान उसको हाथ में सुन्नपन का अहसास हुआ, तो स्थानीय डाक्टर को दिखाया। आराम नहीं हुआ तो खुर्जा और बुलंदशहर के चिकित्सक को दिखाया।
स्वजन खिलाड़ी को अलीगढ़ मेडिकल भी लेकर गए। अलीगढ़ जाते समय रास्ते में उसने पानी मांगा तो कुछ लक्षण महसूस हुआ। इसके बाद उसे घर ले आए। 26 जून को स्वजन खिलाड़ी को लेकर जेपी हास्पिटल नोएडा लेकर गए। यहां रेबीज होने की पुष्टि हुई।
इसके बाद मथुरा में कुत्ता काटे मरीज को झाड़ने वाले के पास लेकर गए। जान बचाने के लिए पूरा प्रयास किया। 27 जून को स्वजन उसको घर से खुर्जा निजी अस्पताल लेकर जा रहे थे, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। खिलाड़ी तीन भाईयों में सबसे छोटा और अविवाहित था। वह कबड्डी में ही अपना करियर बनाना चाहता था।
28 जून को स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलांस अधिकारी डा. रमित कुमार सिंह गांव फराना कबड्डी खिलाड़ी के घर पहुंचे और स्वजन से जानकारी की। इसके बाद उन्होंने बृजेश सोलंकी के साथ रहने वाले और उसको अस्पताल लाने व ले जाने वालों समेत 29 लोगों को एआरवी लगाई। चार दिन बाद एआरवी की दूसरी डोज बिचौला पीएचसी पर लगवाने के लिए कहा। साथ ही ग्रामीणों को कुत्ता बंदर या अन्य जानवर के काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन जरूर लगवाने के लिए प्रेरित किया गया।
रेबीज से खिलाड़ी की मौत की सूचना पर जिला सर्विलांस अधिकारी डा. रमित कुमार सिंह को गांव में भेजा है। खिलाड़ी में रेबीज के संदिग्ध लक्षण बताए जा रहे हैं। रिपोर्ट मिलने पर स्थिति स्पष्ट होगी। लोगों को कुत्ता, बंदर या अन्य जानवर के काटने पर सरकारी अस्पताल में जरूर दिखाना चाहिए। -डा. सुनील कुमार दोहरे-सीएमओ
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