प्राचीन काल से देश में है विविधता का सम्मान
बुलंदशहर : भारत सदा विविधताओं से भरा राष्ट्र रहा है, लेकिन एक इकाई के रूप में इसका अस्ि
बुलंदशहर : भारत सदा विविधताओं से भरा राष्ट्र रहा है, लेकिन एक इकाई के रूप में इसका अस्तित्व प्राचीनकाल से बना हुआ है। हमारे विशाल देश में भौगोलिक विभिन्नता के साथ आर्थिक और सामाजिक भिन्नता भी पर्याप्त रूप से विद्यमान है। यदि भारतीय परिस्थितियों का ज्ञान न रखने वाला कोई विदेशी देश की यात्रा करे तो उसे अत्यधिक आश्चर्य होगा, क्योंकि जितनी अधिक प्राकृतिक भिन्नताएं हमारे यहां हैं, उतनी कहीं और नहीं हैं। भारत के विभिन्न भागों में अलग-अलग धर्म के अनुयायी रहते हैं। धर्म भी कई मतों में बंटे हैं। धर्म तथा मतों के अनुयायियों में धार्मिक विविधता दिखाई देती है। इन भिन्नताओं के कारण ही भारत में अनेक सांस्कृतिक उपधाराएं विकसित होकर पल्लवित और पुष्पित हुई हैं।
इनके अनेक उदाहरण पौराणिक काल से अब तक दिखते हैं। धर्म, जाति, रूप, रंग, भाषा तथा रहन-सहन के स्तर पर हम भले ही अलग दिखते हों, लेकिन हजारों वर्षों से भारतीय संस्कृति और सभ्यता में भिन्नता में एकता स्पष्ट रूप से विद्यमान रही है। हमारे देश में प्राचीन काल से ही विविधता का सम्मान होता रहा है। यहां विविधताओं के बावजूद देश के नागरिकों में एकता रही है। हमारे संविधान निर्माण के समय देश विभाजन की पीड़ा भोग रहा था। इसके बावजूद हमारे संविधान-निर्माताओं ने धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व को भली भांति समझा। आज भी हम विभिन्नता में एकता की भावना को समझते हैं। हमारे देश के नागरिक एक शानदार वृक्ष की टहनियां हैं। सभी भारतीय होने पर गर्व करते हैं।
-निधि गुलाटी, प्रधानाचार्या, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
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सह अस्तित्व की भावना का पालन करते हैं भारतीय
हमारे देश में विविधता के साथ-साथ अखंडता का अस्तित्व सदा मौजूद रहा है। हम सब अलग-अलग धर्म, जाति, भाषा एवं संस्कृत आदि से जुड़े होने के बावजूद सह अस्तित्व की भावना का पालन करते हुए एक साथ रहते हैं। मनोवैज्ञानिक, वैचारिक, राजनीतिक, धार्मिक, बहु-भाषी, शारीरिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आदि के ढ़ेर सारे भिन्नताओं के बावजूद भी एकता के अस्तित्व पर विविधता में एकता ध्यान केन्द्रित करता है। नस्ल, धर्म, जाति, उप-जाति, समुदाय, भाषा और बोली की अधिक विविधता के बावजूद भी भारत में लोग एकजुट होकर रहते हैं। सबका साथ रहना और आगे बढ़ना हमारे अस्तित्व को अर्थवान बनाता है और सार्थक करता है।
--मीना सिसौदिया, शिक्षिका, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
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देश का महान चरित्र है भिन्नता में एकता
हम भारतीय एक धरती पर अर्थात एक छत के नीचे समरसता के साथ अलग-अलग धर्म, समुदाय, जाति, भाषा, संस्कृति, जीवन-शैली, परिधान पहनने का तरीका, भगवान में भरोसा, पूजा-पाठ के तौर-तरीके आदि के लोग एक-साथ रहते हैं। भारत विश्व का एक प्रसिद्ध और बड़ा देश है जहां विभिन्न धर्म जैसे हिन्दू, मुस्लिम, बौद्ध, सिक्ख, जैन, ईसाई और पारसी आदि के एक साथ रहते हैं। संस्कृति, परंपरा, धर्म, और भाषा से अलग होने के बावजूद भी लोग यहां पर एक- दूसरे का सम्मान करते हैं। अपने राष्ट्र का एक महान चरित्र है भिन्नता में एकता। इस इंसानियत के संबंध ने सभी धर्मों के लोगों को बांध कर रखा है।
-माइकल ओबीडाया, शिक्षक, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
भारतीयों में है धार्मिक सहिष्णुता
-विविधता में एकता' को बनाए रखने से लोगों में मानवता की भावना का भी विकास होता है। हम भारतीय अपनी संपत्ति के बजाय आध्यात्मिकता, कर्म और संस्कार को अत्यधिक महत्व देते हैं। यह हमें एक-दूसरे के नजदीक लाता है। यहां के लोगों में धार्मिक सहिष्णुता है। यह अलग धर्म की उपस्थिति में कठिनाई महसूस नहीं करने देती। भारतीय लोगों की इस तरह की विशेषताएं यहां पर विविधता में एकता' को प्रसिद्ध करती है।
सचिन अरोरा, शिक्षक, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
समरसता की भावना से ओतप्रोत हैं भारतीय
भिन्नता में एकता समाज के लगभग सभी पहलुओं में पूरे देश में मजबूती और संपन्नता का साधन बनता है। अपनी रीति-रिवाज और विश्वास का अनुसरण करने के द्वारा सभी धर्मों के लोग अलग तरीकों से पूजा-पाठ करते हैं। बुनियादी एकरुपता के अस्तित्व को प्रदर्शित करता है। विविधता में एकता'' विभिन्न असमानताओं की अपनी सोच से परे लोगों के बीच भाईचारे और समरसता की भावना को बढ़ावा देता है।
--निकिता शर्मा, छात्रा, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
ऋषि-मुनियों की भूमि है भारत
हमारा देश ऋषि-मुनियों की भूमि है। अलग-अलग धर्म के लोग हमारे देश को एकता के सूत्र में बांधे हैं। सभी भारतवासी हर धर्म का सम्मान करते हैं। भारत जैसी सांस्कृतिक विविधता अन्य देश में नहीं है। इसी कारण हमारा देश एक महान देश है। भारत की विविधता में एकता'' खास है जिसके लिये ये पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। एक भारतीय होने के नाते, हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिये और किसी भी कीमत पर इसकी अनोखी विशेषता को कायम रखने की कोशिश करनी चाहिए। यहाँ “विविधता में एकता'' वास्तविक खुशहाली होने के साथ ही वर्तमान तथा भविष्य की प्रगति के लिये रास्ता है।
-विकास कौशिक, छात्र, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
विभिन्नता में एकता की मिसाल हैं भारतीय
-हमारे देश में सभी समुदायों के बीच समन्वय की भावना पाई जाती है। जैसे किसी एक गुलदस्ते में विभिन्न प्रकार पुष्प होते हैं। उसी प्रकार की हमारी संस्कृति है। हम भारतीय विभिन्नता में एकता की मिसाल संसार के सामने रखे हैं। हमारे देश में लोग लगभग 1650 भाषाएं और बोलियों का इस्तेमाल करते हैं। संस्कृति, परंपरा, धर्म और भाषा से अलग होने के बावजूद भी हम एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। भाईचारे के साथ एक साथ रहते हैं। जब-जब इस भाईचारे को तोड़ने का प्रयास हुआ है। हमने इस मुंहतोड़ जवाब दिया है।
-यश चौहान, छात्र, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
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संस्कारशाला के लिए फोटो परिचय...
बुलकुर-6..
निधि गुलाटी, प्रधानाचार्या, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
बुलकुर-7..
मीना सिसौदिया, शिक्षिका, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
बुलकुर-8..
माइकल ओबीडाया, शिक्षक, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
बुलकुर-9..
सचिन अरोरा, शिक्षक, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
बुलकुर-10..
निकिता शर्मा, छात्रा, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
बुलकुर-11..
विकास कौशिक, छात्र, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
बुलकुर--12...
यश चौहान, छात्र, एल्पाइन पब्लिक स्कूल खुर्जा।
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