Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मिशन पूरा हो जाए फिर पहाड़ पर बिताना है बाकी जीवन

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 13 Jun 2021 11:17 PM (IST)

    वैक्सीन मैन चंद्र वल्लभ बैंजवाल ने छोटे गांव से बड़े सपने देखे। वैक्सीन प्रोजेक्ट को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट मानने वाले बैंजवाल का मन फिर से पहाड़ की वादियों में भटक रहा था।

    Hero Image
    मिशन पूरा हो जाए फिर पहाड़ पर बिताना है बाकी जीवन

    जेएनएन, बुलंदशहर। वैक्सीन मैन चंद्र वल्लभ बेंजवाल ने छोटे गांव से बड़े सपने देखे। वैक्सीन प्रोजेक्ट को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट मानने वाले बेंजवाल का मन फिर से पहाड़ की वादियों में भटक रहा था। उन्होंने अपने भतीजे दीपक डोभाल से कहा था, बस प्रोजेक्ट पूरा हो जाए, बस फिर पहाड़ में आकर बाकी जीवन बीताना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बेंजवाल ने माइक्रो बॉयोलॉजी को अपना क्षेत्र चुना। उनकेकरीबी बताते हैं कि एक जुनून उनमें वायरस को चिहित करने और उसके सफाए को वैक्सीन बनाने का था। बिबकोल को जब पोलियो वैक्सीन प्रोजेक्ट मिला तो इसे चैलेंज के रूप में लिया। बिबकोल के वैज्ञानिक बताते है, उन्होंने पोलियो वैक्सीन की गुणवत्ता पर बेहद बारीकी से ध्यान केन्द्रित रखा।

    पहाड़ में पर्यावरण की जंग लड़ना चाहते थे बेंजवाल

    पहाड़ों में जिस तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है, उससे बेंजवाल बेहद आहत थे। यही वजह रही कि अब वह पहाड़ पर वापस लौटकर यहां काम करना चाहते थे। परिजनों के साथ ही रिश्तेदारों से उन्होंने इसकी योजना बनाई थी। कोवैक्सीन प्रोजेक्ट पूरा होने पर उन्होंने पहाड़ जाने का पूरा मन बना लिया था।

    कोवैक्सीन का उत्पादन हो सकता है विलंबित

    बुलंदशहर। सेंट्रल ड्रग्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन ने तीन कंपनियों को को-वैक्सीन बनाने के लिए हरी झडी दी है, बुलंदशहर की बिबकोल कंपनी इनमें से एक है। इस हेतु सरकार ने बिबकोल को 30 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी भी कर दी है। इस करार में बेंजवाल की बड़ी भूमिका थी। पोलियो टीके में बिबकोल के बेहतरीन प्रदर्शन को सामने रखते हुए उन्होंने पीएमओ के साथ ही संबंधित मंत्रालयों को विश्वास दिलाया था कि बिबकोल सितंबर-अक्टूबर से हर माह डेढ़ करोड़ डोज का उत्पादन कर सकती है। बिबकोल के एसोसिएट प्रेसिडेंट सुनील शर्मा ने बताया कि कोवैक्सीन का जो उत्पादन सितंबर से शुरू होना था, बेंजवाल के निधन से उसमें कुछ और वक्त लग सकता है। हालाकि कंपनी की तकनीकी टीम कोवैक्सीन तैयार करने के लिए जरूरी संसाधन जुटा रही है, पूरी कोशिश होगी कि उत्पादन लक्ष्य को समय रहते हासिल किया जाए।