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    जांच के लिए रक्त का सैंपल लिया... और थमा दी निगेटिव रिपोर्ट, रोगी तो एचआइवी पाजिटिव था, यूं खुला राज

    By Jagmohan Sharma Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Sun, 14 Dec 2025 04:04 PM (IST)

    बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक एचआईवी पॉजिटिव रोगी को जांच के बाद नेगेटिव रिपोर्ट थमा दी गई। इस लापरवाही का खुला ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। आए दिन लापरवाही और अव्यवस्थाओं को लेकर चर्चा में रहने वाले जिला अस्पताल में लापरवाही की हद हो गई है। एचआइवी की जांच के लिए मरीज के खून का सैंपल तो लिया, लेकिन बिना जांच के निगेटिव रिपोर्ट थमा दी गई, जबकि निजी पैथोलाजी लैब पर एचआइवी की रिपोर्ट पाजिटिव आई। मरीज की शिकायत पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेज दी है।

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    बीबीनगर क्षेत्र के गांव निसुर्खा निवासी एक युवक की तबीयत बिगड़ने पर उसने चिकित्सकों को दिखाया। चिकित्सकों ने लक्षण देखकर एचआइवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) की जांच कराने को कहा। इसके बाद युवक कल्याण सिंह राजकीय मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला अस्पताल में जांच के लिए पहुंचा। जिला अस्पताल में पर्चा बनवाने के बाद वह 28 नंबर बिल्डिंग में पहुंचा और खून का सैंपल दिया। अगले दिन बाद वह रिपोर्ट लेने के लिए जिला अस्पताल पहुंचा तो उसको बताया गया कि रिपोर्ट निगेटिव आई है यानी एचआइवी नहीं है।

    रिपोर्ट लेकर मरीज चिकित्सक के पास पहुंचा तो उन्होंने बताया कि एचआइवी जांच रिपोर्ट और शरीर की स्थिति विपरीत है। इसलिए दूसरे जगह जांच कराओ। इसके बाद मरीज ने निजी पैथोलाजी लैब पर एचआइवी की जांच कराई। निजी पैथोलाजी लैब पर एचआइवी की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई। इसके बाद वह चिकित्सक के पास पहुंचा। चिकित्सक ने बताया कि जिला अस्पताल की रिपोर्ट घोर लापरवाही है। एचआइवी पाजिटिव मरीज को निगेटिव की रिपोर्ट दे दी गई। जब तक मरीज को पता चलेगा, तब तक वह पत्नी और इलाज के दौरान पता नहीं किस-किस को एचआइवी का वायरस बांट चुका होगा।

    शिकायत होने पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए संयुक्त निदेशक उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी लखनऊ को रिपोर्ट भेज दी है।

    घोर लापरवाही हुई है
    कर्मचारी के स्तर से यह घोर लापरवाही हुई है। पूरा मामला जानकारी में है। कर्मचारी को हटाने के लिए एड्स नियंत्रण सोसाइटी लखनऊ को रिपोर्ट भेज दी गई है। -डा. प्रदीप राणा, सीएमएस जिला अस्पताल

    तुरंत चलती है दवा
    एचआइवी की जांच रिपोर्ट पाजिटिव का पता चलता है, तो मरीज को एंटीरेट्रोवाइरल दवा दी जाती है। यह दवा वायरस की संख्या को बढ़ने से रोकती है। दवा मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली को और अधिक नुकसान से बचाती है और उसे खुद को ठीक करने और मजबूत बनाने में मदद करती है।