मत्स्य विभाग की बेबसी, नहीं बन पा रहे केसीसी
बुलंदशहर जेएनएन। मत्स्य पालकों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजन
बुलंदशहर, जेएनएन। मत्स्य पालकों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत पालकों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाने की योजना है। यह योजना गत वर्ष से शुरू हुई है, लेकिन अधिकतर पालकों को इसका लाभ नहीं मिला है। वित्तीय वर्ष में भी केसीसी का लक्ष्य जारी कर दिया गया है। मत्स्य पालक 18 अप्रैल से 31 जुलाई 2022 तक केसीसी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत किसानों की तरह ही मछली पालकों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाने हैं। नियमानुसार एक हेक्टेयर जमीन में पट्टाधारक अथवा निजी तालाब में मत्स्य पालन करने वाले पालक किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए एक लाख रुपये तक का ऋण बैंक से प्राप्त कर सकेंगे। जाल बुनने या फेरी लगाकर मछली बेचने वाले पालकों को 25 हजार रुपये तक का ऋण मुहैया कराया जाता है, लेकिन जनपद में यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी। गत वर्ष की बात करें 25 हजार केसीसी बनाने का लक्ष्य विभाग को दिया गया था। जिले से 746 मत्स्यपालकों ने आवेदन किया था। इनमें से अधिकतर के आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए। जनपद में मात्र 152 आवेदनकर्ताओं को ही केसीसी का लाभ मिला है। ऐसे में निदेशालय ने वित्तीय वर्ष में केसीसी बनाने के लिए लक्ष्य भेज दिया गया है। 18 अप्रैल से 31 जुलाई 2022 तक मत्स्य विभाग अभियान चलाकर पालकों के केसीसी बनाएगा।
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वेंडर्स का प्रमाण पत्र नहीं दे पा रहे पालक
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत पालकों ने केसीसी के लिए 746 आवेदन किए। हालांकि इनमें से अधिकांश फार्म वेंडर्स का प्रमाण पत्र उपलब्ध न कराने पर के कारण बैंक ने रिजेक्ट कर दिए। इससे अधिकांश मत्स्य पालकों केसीसी नहीं बन पाए। वित्तीय वर्ष में वेंडर्स प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी और विभाग द्वारा संस्तुति करने पर ही इन्हें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत केसीसी का लाभ दिलाया जाएगा।
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इन्होंने कहा..
गत वर्ष प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत डेढ सौ से अधिक केसीसी बनाए गए थे। वित्तीय वर्ष में जल्द ही अभियान चलाकर केसीसी बनाए जाएंगे।
-नीतू चौधरी, मत्स्य अधिकारी।
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