आंख पर पट्टी कान में तेल, यह देखो सिस्टम का खेल
हादसे होने के बाद सिस्टम जागता है और डैमेज कंट्रोल में जुट जाता है। लेकिन मोदीनगर में स्कूली छात्र की मौत के बाद भी सिस्टम आंख पर पट्टी और कानों में तेल डाल नियमों की धज्जियां उड़ने का खेल देख रहा है।

बुलंदशहर जेएनएन। हादसे होने के बाद सिस्टम जागता है, और डैमेज कंट्रोल में जुट जाता है। लेकिन मोदीनगर में स्कूली छात्र की मौत के बाद भी सिस्टम आंख पर पट्टी और कानों में तेल डाल नियमों की धज्जियां उड़ने का खेल देख रहा है। जिससे शहर से देहात तक मानकों को दरकिनार कर स्कूली वाहन दौड़ रहे है।
मोदीनगर में बुधवार को स्कूली बस में सवार कक्षा चार के छात्र अनुराग भारद्वाज का सिर बाहर निकालते समय खिड़की और गेट के बीच में आ गया था। जिससे छात्र की मौत हो गई थी। शासन ने कई अफसरों पर गाज भी गिराई। इतना सबकुछ होने के बाद भी स्कूल प्रबंधन तो छोड़िए परिवहन विभाग के अफसर गंभीर होने के लिए तैयार नहीं हैं। अफसरों की बेपरवाही इस तरह हावी है कि स्कूलों में लगे अधिकांश वाहन नियमों को तोड़ रहे हैं। स्कूल संचालक मोदीनगर के हादसे से सबक लेने के तैयार नहीं हैं। यहां स्कूली वाहनों में खिड़कियों में ग्रिल तक नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्र छोड़िए शहर में ही दर्जनों स्कूली वाहन खिड़कियों पर बिना ग्रिल के दौड़ रहे हैं। शिक्षा विभाग के अफसर ऐसे स्कूली वाहनों के संचालन से अनजान बने हुए हैं। सिस्टम को आगे आकर अपने कर्तव्यों का पालन कर स्कूल संचालकों से नियमों का पालन कराना होगा और अभिभावकों को भी नियमों के प्रति जागरूक होना होगा।
114 स्कूली वाहन बिना फिटनेस भर रहे फर्राटा
जिले में परिवहन विभाग के रिकार्ड में ही 114 स्कूली वाहन ऐसे हैं। जिन्होंने फिटनेस ही नहीं कराई। वहीं अधिकांश स्कूलों में ठेके पर भी वाहन संचालित हैं।
दो-चार वाहन बंद पीठ थपथपा रहा विभाग
कोई हादसा होने या फिर किसी शिकायत पर परिवहन विभाग स्कूली वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर अपनी पीठ स्वयं थपथपा लेता हैं।
स्कूली वाहनों के नियम पर एक नजर
मुख्य मानकों में चालक वर्दी में हो, बस व वैन की उम्र (15) वर्ष से अधिक न हो, प्रदूषण प्रमाण पत्र हो, रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र हो, वाहन का रंग पीला हो, रिफलेक्टर टेप लगा हो, इमरजेंसी गेट लगा हो, चेतावनी संदेश लिखा हो, नम्बर प्लेट साफ हो, पायदान की ऊंचाई एक फिट से अधिक न हो, खिड़की में ग्रिल लगा होने समेत 31 मानक हैं।
इन्होंने कहा..
जिले में 703 छोटे-बड़े स्कूली वाहन पंजीकृत हैं। जिनमें 114 वाहनों की फिटनेस नहीं हुई हैं। स्कूल संचालकों को कई बार नोटिस जारी किए गए हैं। ऐसे स्कूलों वाहनों को फिर नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
- मुहम्मद कय्यूम, एआरटीओ प्रशासन
..
परिवहन विभाग अनफिट स्कूली वाहनों की सूची तैयार करके दें ऐसे स्कूलों की मान्यता रद की जाएगी। मानकों को दरकिनार करने वाले स्कूली वाहनों पर इसी तरह से कार्रवाई संभव है।
- अखंडप्रताप सिंह, बीएसए
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