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    बुलंदशहर की मिट्टी में पलकर जवान हुए थे कर्नल आशुतोष शर्मा

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 04 May 2020 06:03 AM (IST)

    बुलंदशहर की मिट्टी में पलकर जवान हुए थे कर्नल आशुतोष शर्मा बुलंदशहर जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा मूल रूप से बुलंदशहर जिले के थे। यहीं पलकर जवान हुए और शनिवार को देश की रक्षा के लिए वीरगति को प्राप्त हो गए। वर्तमान में उनका परिवार जयपुर में रहता है। परिवार में पत्‍‌नी और बारह साल की एक बेटी है। शहादत की सूचना पर जिले में शोक की लहर दौड़ गई।

    बुलंदशहर की मिट्टी में पलकर जवान हुए थे कर्नल आशुतोष शर्मा

    बुलंदशहर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा मूल रूप से बुलंदशहर जिले के थे। यहीं पलकर जवान हुए और शनिवार को देश की रक्षा के लिए वीरगति को प्राप्त हो गए। वर्तमान में उनका परिवार जयपुर में रहता है। परिवार में पत्‍‌नी और बारह साल की एक बेटी है। शहादत की सूचना पर जिले में शोक की लहर दौड़ गई।

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    बुलंदशहर के औरंगाबाद क्षेत्र के गांव परवाना के मूल निवासी शंभुदत्त शर्मा भूमि संरक्षण अधिकारी थे। बुलंदशहर के मोहल्ला राधानगर में भी उनका मकान था। यहीं पर आशुतोष शर्मा का जन्म हुआ। आशुतोष ने स्नातक की पढ़ाई नगर के डीएवी कालेज में पूरी की। एनडीए से सेना में लेफ्टिनेंट बने। करीब पन्द्रह साल पहले राधानगर स्थित मकान बेचकर बड़े भाई पीयूष शर्मा के साथ पूरा परिवार जयपुर में बस गया। पीयूष जयपुर में मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर हैं। दो साल पहले ही आशुतोष की तैनाती जम्मू-कश्मीर में 21 आरआर (राष्ट्रीय राइफल्स) में हुई थी। वे कमांडिंग आफिसर थे। शनिवार रात हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान कर्नल आशुतोष शहीद हो गए। शहादत की सूचना बुलंदशहर पहुंची तो शोक की लहर दौड़ गई। शहीद के पैतृक गांव परवाना में उनके परिवार के लोग गमगीन हो गए। सांत्वना देने के लिए लोग पहुंचने लगे।

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    परिजन जयपुर रवाना

    कर्नल के तहेरे भाई दिनेश चंद्र पाठक ने बताया कि रविवार सुबह जयपुर से आए फोन से इसकी सूचना मिली। गांव से पारिवारिक सदस्य सोनू पाठक, ललित पाठक जिला प्रशासन से विशेष अनुमति पास लेकर जयपुर रवाना हो गए। 2014 में दादी प्रेमवती का देहांत होने पर पूरा परिवार गांव आया था।

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    जुबां पर शहीद के किस्से

    गांव परवाना निवासी परिजनों ने बताया कि कर्नल ने लगातार 9 महत्वपूर्ण ऑपरेशन किए। इसी साल आशुतोष ने 9 आतंकी पकड़े थे। उन्हें दो बार सेना मेडल से नवाजा गया था।

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    आर्मी स्कूल में टीचर थीं पल्लवी

    आशुतोष की पत्नी पल्लवी शर्मा देहरादून में आर्मी स्कूल में टीचर थीं। शादी के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। कर्नल की इकलौती 12 वर्षीय बेटी कुहू शर्मा है। पिता का देहांत हो चुका है। मां सुधा शर्मा जयपुर में पल्लवी के पास ही रहती हैं।

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    शहीद कर्नल के परिजनों

    को 50 लाख की सहायता

    सीएम ने दी श्रद्धांजलि

    लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश, लास नायक दिनेश तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद सब-इंस्पेक्टर के शौर्य और वीरता को नमन करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धाजलि दी है। सीएम ने कहा कि इनके बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा। परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। बुलंदशहर के शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। कर्नल आशुतोष शर्मा की स्मृति में उनके पैतृक गाव में 'गौरव द्वार' का निर्माण भी कराया जाएगा।