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    सफलता की राह में चुनौतियां बहुत हैं, डटकर करें सामना व आगे बढ़ें... सफलता जरूर मिलेगी

    By Anuj Solnki Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Wed, 29 Oct 2025 04:09 PM (IST)

    वन क्षेत्राधिकारी आदित्य सिंह ने छात्रों को सफलता के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि चुनौतियों से घबराना नहीं चाहिए। एकाग्रता, आत्मविश्वास और लगातार मेहनत से लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने मल्टी स्किल बनने, शारीरिक फिटनेस बनाए रखने और किताबी ज्ञान के साथ प्रैक्टिकल ज्ञान पर भी जोर दिया। असफलता से निराश न होकर उससे सीख लेने और प्रतिदिन रिवीजन करने की सलाह दी, जिससे सफलता की राह आसान हो सके।

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    खुर्जा के महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल में आयोजित यूथ कनेक्ट कार्यक्रम के तहत छात्रों का मार्गदर्शन करते वन क्षेत्राधिकारी आदित्य सिंह। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण, खुर्जा (बुलंदशहर) : वन क्षेत्राधिकारी आदित्य सिंह ने कहा कि बहुत अच्छे अंक नहीं आने पर भी बच्चों को तैयारी नहीं छोड़नी चाहिए। कठिन परिश्रम करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। धैर्य खोए बिना लक्ष्य की तरफ अग्रसर रहना चाहिए। पढ़ाई के साथ मानसिक एवं शारीरिक रूप से भी स्वयं को तैयार रखना चाहिए। क्योंकि जिस तरह से मूर्तिकार अपने मेहनत से पत्थर को तराश कर मूर्ति की रचना कर देता है। ठीक उसी प्रकार सफलता के लिए बच्चों को भी इसी एकाग्रता की जरूरत होती है। क्योंकि सफलता की राह में चुनौतियां बहुत आती हैं। जिनसे घबराने की जरूर नहीं होती है।

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    यदि अपने ऊपर विश्वास होगा, तो मंजिल पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकेगा। दैनिक जागरण के यूथ कनेक्ट कार्यक्रम में सिटी स्टेशन मार्ग स्थित महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल के छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए वन क्षेत्राधिकारी ने यह बातें कहीं। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ना केवल छात्र-छात्राओं को तरक्की की राह में आने वाली चुनौतियों को पार करने की सीख दी, बल्कि जीवन में बेहतर नागरिक बनने के लिए भी प्रेरित किया।

    उन्होंने कहा कि आज के समय में शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को मल्टी स्किल बनाना होगा। विभिन्न खेल खेलकर और व्यायाम करके शरीर को चुस्त-दुरुस्त भी बनाना होगा। योगासन करके दिमाग को तनाव मुक्त रखना होगा। परिवार के साथ समाज के प्रति सकारात्मक नजरिया अपनाकर बेहतर इंसान बनना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आज का समय वह नहीं है कि हम सिर्फ हर चीज को रटें। बल्कि हमें हर चीज को समझना चाहिए। क्योंकि किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रैक्टिकल ज्ञान होना चाहिए।


    कभी भी नहीं माननी चाहिए हार
    उन्होंने कहा कि कभी भी असफल होने पर निराश और हार नहीं माननी चाहिए। हार मानना कायरता की निशानी हैं। यह भी ध्यान रहें कि जब तक आप अपने आप से हारोगे नहीं, तब तक कोई भी मुकाम ऐसा नहीं जिसे हासिल ना किया जा सके। मैं भी सफल नहीं होने पर निराश नहीं हुआ। पांचवीं क्लास में गणित में फेल हो गया, तो पिछली परीक्षाओं के प्रश्नपत्र पढ़कर दोगुनी मेहनत के साथ तैयारी की। जिस पर इंटरमीडिएट में गणित में शत-प्रतिशत अंक प्राप्त किए और उसके बाद आगे की पढ़ाई की।


    रिवीजन जरूरी, रटने की प्रवृत्ति से निकलें बाहर
    उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखा जाता है कि बच्चे विषय को रटने में लग जाते हैं, जबकि उन्हें इस प्रवृति से बाहर निकलना होगा। कमजोर विषय पर फोकस बनाकर धैर्यपूर्वक तैयारी करनी चाहिए। स्कूल-कालेज की परीक्षा उत्तीर्ण कर जीवन के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा में जाने के लिए भी इसी प्रकार लग्न और कठिन परिश्रम की जरूरत है। प्रतिदिन कक्षाओं में पढ़ाए जाने वाले टापिक का उसी दिन घर पर रिवीजन जरूर करें। ऐसा करने से वह टापिक कभी भी दिमाग से बाहर नहीं निकलता है।