बुलंदशहर में आंधी तूफान ने मचाई तबाही, बिजली व्यवस्था चरमराई; करोड़ों का हुआ नुकसान
बुधवार को बुलंदशहर में आए आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचाई जिससे बिजली व्यवस्था चरमरा गई। पेड़ गिरने से खंभे और तार टूट गए जिससे शहर से गांव तक बिजली गुल हो गई। सरकारी कार्यालयों में कामकाज ठप रहा और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऊर्जा निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।

जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। बुधवार देर शाम आए आंधी-तूफान ने जमकर तबाही मचाई। इसकी वजह से बिजली पोल व लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई। शहर से देहात तक बिजली व्यवस्था चरमरा गई और जिले में अधिकांश स्थानों पर ब्लैक आउट हो गया। रातभर मरम्मत कार्य चलने के बाद भी सफलता नहीं मिल सकी। किसी तरह दोपहर तक कुछ इलाकों में आपूर्ति हो सकी सुचारू। जबकि अन्य इलाकों में शाम तक बिजली आने का इंतजार होता रहा।
दरसल, मौसम का मिजाज बदलते ही बुधवार को भयंकर आंधी तूफान आया। जिलेभर में विभिन्न स्थानों पर पेड़ टूटकर गिरने से बिजली लाइन व पोल क्षतिग्रस्त हो गए। इसका असर एचटी, एलटी लाइनों के साथ गली मोहल्लों की लाइनों पर भी पड़ा। इससे शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली गुल हो गई। एतियात के तौर पर बिजली घरों के फीडर बंद करने पड़ गए। एक साथ बड़े स्तर पर बिजली ठप होने पर ऊर्जा निगम के अफसरों में खलबली मच गई। आला अफसर रात को ही मैदान में उतर आए।
कर्मचारी पेट्रोलिंग करने के लिए दौड़ पड़े। जगह-जगह गिरे पेड़ों को हटवाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को भी सूचित किया गया। देर रात तक लाइन व पोलों को सही कराने की मशक्कत में कर्मचारी जुटे रहे। क्षतिग्रस्त लाइनों को सही कराने के साथ अन्य पेड़ों की टहनियों को छांटवाया गया। ताकि आगे की लाइनों को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके। गुरुवार सुबह तक अफसर कर्मचारियों संग मरम्मत कार्य कराते रहे।
सरकारी कार्यालयों में भी पसरा अंधेरा, कामकाज पर पड़ा असर
लाइन व पोल की क्षतिग्रस्तता अधिक होने के कारण दोपहर तक जिलेभर में अधिकांश स्थानों पर आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी। जिला मुख्यालय स्थित अधिकांश सरकारी कार्यालयों में दोपहर तक कामकाज ठप हो गया। इन्वर्टर तक नहीं चलने के कारण अंधेरा तक पसरा रहा। कंप्यूटर नहीं चलने के कारण काम-काज पर भी असर पड़ा।
यह देख इन क्षत्रों के लिए आ रही लाइन को कड़ी मशक्तत के बाद सही कराया गया। इससे दोपहर बाद इन इलाकों की आपूर्ति सुचारू हो सकी। इसी प्रकार जहां मरम्मत कार्य में सफलता मिलती गई, वहां धीरे-धीरे आपूर्ति सुचारू कराई गई। हालांकि यहां बार-बार ट्रिपिंग की समस्या बनी रही।
रात भर सो नहीं सके उपभोक्ता, दिनचर्या हो गई अस्त-व्यस्त
बिजली गुल होने पर बिजलीघरों से लेकर अफसरों के फोन बजने लगे। बिजली कब तक आएगी, यह जानने के लिए उपभोक्ता काल करते रहे। ऐसे में कहीं अधिकारियों व कर्मचारियों पर फोन नहीं उठाने के आरोप लगे तो कहीं संतोषजनक जबाव नहीं मिलने से उपभोक्ताओं में नाराजगी रही। वहीं, बिजली नहीं आने से इन्वर्टर तक जवाब दे गए। रात भर उपभोक्ता सो नहीं सके। गुरुवार सुबह पेयजल की किल्लत हो गई। लोग नहाने धोने के लिए भी परेशान रहे। कार्यालय जाने वालों को भी देरी हुई। दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई।
ऊर्जा निगम का उठाना पड़ा करोड़ों रुपये का नुकसान : मुख्य अभियंता
मुख्य अभियंता संजीव कुमार ने बताया कि आंधी तूफान की वजह से बुलंदशहर जोन क्षेत्र में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। पेड़ गिरने से जिले में सीमेंट के लगभग 1800 पोल, लोहे के लगभग 300 पोल टूट गए। इनसे जुड़ी लगभग 3000 किलोमीटर लाइन व अन्य बिजली उपकरण भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
देहात क्षेत्र में लगभग 40-50 ट्रांसफार्म भी खराब होने की सूचना मिली हैं। इस वजह से लगभग 120 बिजली घरों में से 80 में गुरुवार दोपहर तक शटडाउन रहा। जैसे-जैसे मरम्मत कार्य पूरा हो रहा, वैसे-वैसे बिजलीघरों का शटडाउन वापस कर क्षेत्र की आपूर्ति सुचारू कराई जा रही है। तब तक उपभोक्ताओं काे घंटों बिजली संकट से भी जूझना पड़ रहा है। आपूर्ति सुचारू कराने के साथ नुकसान का आंकलन भी कराया जा रहा है। अधीनस्थों से इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी गई हैं।
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