सर्दी में बढ़े निमोनिया के मामले, तेज चल रही बच्चों की पसली, बुखार के साथ पेट में दर्द व उल्टी की भी परेशानी
Bulandshahr News: सर्दी बढ़ने से बच्चों में निमोनिया के मामले बढ़ रहे हैं। मेडिकल कालेज में सुविधाओं की कमी के कारण अभिभावकों को परेशानी हो रही है। रो ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक फोटो
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। सर्दी बढ़ने से निमोनिया बच्चों को चपेट में ले रहा। निमोनिया पीड़ित से ज्यादा दर्द बच्चे के अभिभावकों को इलाज कराने में हो रहा है, क्योंकि मेडिकल कालेज में बच्चा वार्ड में सुविधाओं का अभाव हैं।
रोजाना ओपीडी में आने वाले बच्चों में 30 से अधिक बच्चे निमोनिया पीड़ित पहुंचते हैं। इनमें 10 से 12 बच्चे ऐसे होते हैं, जिनको भर्ती करने की जरूरत है, लेकिन मेडिकल कालेज में सुविधा नहीं है। इसलिए निजी अस्पताल में रेफर किया जा रहा है।
पिछले पन्द्रह दिन से सर्दी बढ़ी है और सर्दी बढ़ने के साथ निमोनिया हमलावर हो रहा है। निमोनिया में बच्चों की पसली तेज चल रही हैं। इसलिए परेशानी बढ़ी हुई हैं। पिछले 15 दिन में ओपीडी में डेढ़ गुना मरीज बढ़ गए हैं।
निमोनिया से हालत खराब मिलने पर 10-12 मरीज भर्ती करने पड़ रहे हैं, बच्चे को लेकर पहुंचे ऊपरकोट निवासी सलीम ने बताया कि जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड की हालत खराब है। कोई सुविधा नहीं है। इसलिए स्टाफ ने कहा कि बाहर ले जाओ, लेकिन बाहर इलाज महंगा है। कल्याण सिंह राजकीय मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला महिला अस्पताल के डा. ओमप्रकाश का कहना है कि दो साल तक के बच्चों में निमोनिया मिल रहा है। तेज बुखार के साथ पसली भी तेज चल रही है। वहीं प्रदूषण बढ़ने से अस्थमा पीड़ित बच्चों की भी दिक्कत बढ़ गई है। बुधवार को ओपीडी में 154 बीमार बच्चे पहुंचे। इनमें 68 बच्चों में निमोनिया मिला।
जिन बच्चों को अस्थमा की परेशानी है, उनकी हालत भी खराब मिल रही है। सांस लेने में परेशानी भी हो रही है। धूल-धुआं के संपर्क में आने पर मर्ज ज्यादा बढ़ी मिल रही है। इनको दवाएं देने के साथ अभिभावकों को बचाव के बारे में भी बताया जा रहा है।
जिला अस्पताल के सीएमएस डा. प्रदीप राणा ने बताया कि इसके अलावा शादी समारोह में ठंडी सामग्री खाने-पीने से वायरल बुखार के भी मरीज आ रहे हैं। इनमें गले में दर्द, सूजन, खांसी-जुकाम के साथ उल्टी भी हो रही है। इमरजेंसी में रोजाना पांच से छह बच्चे पहुंच रहे हैं। ओपीडी में से भी तीन से पांच मरीज भर्ती कराते हैं। बच्चा बीमार हो तो तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचें।

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