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    UP News: हाईवे पर मां-बेटी से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पांच दोषी करार, वर्ष 2016 में हुई थी दरिंदगी की वारदात

    By Vipin Kumar Sharma Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Sat, 20 Dec 2025 07:13 PM (IST)

    Bulandshahr News : वर्ष 2016 में अलीगढ़-गाजियाबाद हाईवे पर दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास मां-बेटी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और लूटपाट मामले में अदालत ने ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। अलीगढ़-गाजियाबाद हाईवे स्थित दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म एवं लूटपाट मामले में 11 आरोपित में से दो मुठभेड़ में मारे गए, तीन को सीबीआइ ने क्लीन चिट दी और एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।
    लगभग साढ़े नौ साल पहले हुए इस मामले में अदालत ने शनिवार को पांच आरोपितों को दोषी करार दिया। न्यायाधीश ने सोमवार को सजा सुनाए जाने का ऐलान किया है।

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    विशेष लोक अभियोजक वरुण कौशिक, सुनील शर्मा एवं सीबीआइ अधिवक्ता अमित चौधरी ने संयुक्त रूप से बताया कि नोएडा स्थित एक परिवार 29 जुलाई 2016 की रात को कार में सवार होकर शाहजहांपुर स्थित एक रिश्तेदारी में गमी में शामिल होने जा रहा था।
    कार में 14 वर्षीय किशोरी और उसकी मां सहित छह परिवार के छह लोग सवार थे। कोतवाली देहात क्षेत्र में अलीगढ़-गाजियाबाद हाईवे स्थित दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास सशस्त्र बदमाशों ने कार को रोक लिया और सवार सभी सदस्यों को खेत में ले जाकर मारपीट व लूटपाट की। साथ ही आरोपितों ने मां व नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।

    पुलिस इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपितों की तलाश में जुटी थी। यह मामला लखनऊ से लेकर दिल्ली तक जमकर गूंजा था। पुलिस ने इस मामले में जुबेर उर्फ सुनील उर्फ परवेज पुत्र अकिल, सलीम उर्फ बीना उर्फ दीवानजी पुत्र रियासत, साजिद पुत्र वाहिद निवासी गांव इटखारी बिनोरा थाना तिरवा जिला कन्नौज, रहीसुद्दीन, जावेद उर्फ सावेज और जबरसिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज मामले का राजफाश किया था।

    इसके बाद हाईकोर्ट ने स्वयं मामले का संज्ञान लिया और मामले की जांच बुलंदशहर पुलिस से हटाकर सीबीआइ को सौंप दी। सीबीआइ ने जांच में पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिलने पर रहीसुद्दीन, जावेद और जबरसिंह को क्लीन चिट दी। इसी बीच हरियाणा की नूंह पुलिस ने बाबरिया गिरोह के कुछ सदस्यों को लूटपाट के एक अन्य आरोप में गिरफ्तार किया।

    जिसमें से धर्मवीर उर्फ राका, जितेन्द्र पुत्र कुंदल, नरेश उर्फ संदीप उर्फ राहुल पुत्र रिचपाल निवासी गांव गेशनपुर थाना मोहमदाबाद जिला फर्रुखाबाद ने साथी असलम उर्फ अजय उर्फ कालिया के साथ मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने की घटना कारित करना स्वीकार किया।

    असलम हरियाणा से इनामी था, जिसे हरियाणा पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इधर, सीबीआइ जांच में प्रकाश में आए आरोपित बंटी उर्फ बबलू को तीन जुलाई 2020 को नोएडा एसटीएफ ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। सीबीआइ ने जुबेर, सलीम, साजिद, नरेश, सुनील और धर्मवीर के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया।

    सुनवाई के दौरान आरोपित सलीम की छह जनवरी 2020 को बीमारी के चलते जेल में मौत हो गई। मामला सुनवाई के लिए विशेष पाक्सो कक्ष संख्या पांच की अदालत में पहुंचा। शनिवार को न्यायाधीश ओमप्रकाश वर्मा तृतीय ने जुबेर, साजिद, नरेश, सुनील और धर्मवीर को दोषी करार देते सोमवार को सजा सुनाए जाने का एलान किया।