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    चौदह हजार का हांडी मटन खाकर चंपत हुए दारोगाजी, पीड़ित होटल स्वामी ने एसएसपी बुलंदशहर को सुनाया दुखड़ा

    बुलंदशहर में देहात कोतवाली के सामने स्थित होटल चंपारण के संचालक ऋषिपाल सिंह एसएसपी आफिस पहुंचे। उन्‍होंने जनसुनवाई कर रहे एसएसपी श्लोक कुमार को बताया कि एक दारोगा पिछले छह माह से रोजाना हांडी मटन और हांडी चिकन खा रहे हैं और बिल नहीं दे रहे हैं।

    By Jagran NewsEdited By: Parveen VashishtaUpdated: Wed, 23 Nov 2022 05:52 PM (IST)
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    हांडी मटन खाने के बाद दारोगा ने बिल का भुगतान नहीं किया

    बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। सूबे की सरकार भले ही खाकी को संवेदनशील बनाने का प्रयास कर रही हो, लेकिन कुछ पुलिसकर्मी पुराना ढर्रे से उबरने का नाम नहीं ले रहे हैं। बुलंदशहर-मेरठ हाईवे स्थित एक होटल पर एक दारोगा ने सात माह तक हांडी मटन खाया और ट्रांसफर होने पर बगैर भुगतान किए चंपत हो गए। पीड़ित ने दारोगा पर 25 हजार रुपये समझौते के नाम पर लेने तथा 14 हजार रुपये का हांडी मटन और हांडी चिकन का भुगतान कराने की मांग की है। 

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    चौकी इंचार्ज ने रोजाना खाया हांडी मटन और हांडी चिकन 

    देहात कोतवाली के सामने स्थित होटल चंपारण के संचालक ऋषिपाल सिंह बुधवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे। जनसुनवाई कर रहे एसएसपी श्लोक कुमार के सामने ऋषिपाल ने अपना दुखड़ा सुनाया। बताया कि एक चौकी इंचार्ज पिछले छह माह से रोजाना हांडी मटन और हांडी चिकन खा रहे हैं। ऋषिपाल का एक प्लाट का विवाद भी दूसरे पक्ष से चल रहा है। इसमें आरोपित दारोगा ने चार लाख रुपये में समझौता कराया। आरोप है कि दारोगाजी ने उसे 3.75 लाख रुपये दिए और 25 हजार रुपये अपनी मेहनत के नाम पर रख लिए। 

    भुगतान बाद में करने के नाम पर छह माह तक टरकाया  

    छह माह रोजाना शाम को आधा किलो हांडी मटन या फिर हांडी चिकन खाकर भुगतान बाद में करने की बात कहते रहे। बताया कि एक सप्ताह पूर्व उनका ट्रांसफर जहांगीराबाद हो चुका है। तकादा करने पर पांच हजार रुपये पेएटीएम और एक हजार रुपये नकद दिए। बकाया आठ हजार 600 रुपये देने से साफ इन्कार कर दिया। एसएसपी श्लोक कुमार ने नगर कोतवाल को फोन कर कड़ी फटकार लगाई और देर शाम तक दारोगा से पैसे वापस न देने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। पीड़ित को आश्वस्त किया कि 24 घंटे में यदि दारोगा पैसे वापस नहीं करते तो उन्हें फोन पर सूचित करें। दारोगा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    इन्‍होंने कहा 

    चंपारण होटल के संचालक को जानता हूं। इनके एक मामले की मैंने विवेचना की है। खाने के रुपये बकाया नहीं हैं। होटल संचालक आरोप क्यों लगा रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। मेरा चौकी से ट्रांसफर हो चुका है और मेरे पास इस बाबत नगर कोतवाल अथवा पुलिस आफिस का कोई फोन भी नहीं आया।

    आरोपित दरोगा

    पीड़ित होटल संचालक ने दारोगा पर खाने के कुछ बकाया होने की शिकायत की है। नगर कोतवाल को दारोगा से संपर्क कर बकाया रुपये दिलाने की हिदायत दी गई है। पीड़ित को संपूर्ण भुगतान कराया जाएगा।

    श्लोक कुमार, एसएसपी