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    प्रदूषण बढ़ते ही ग्रेप-4 लागू... पाबंदियों का पालन कराने के लिए सरकारी अमला मुस्तैद

    By Prashant Gaud Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Sun, 14 Dec 2025 07:08 PM (IST)

    बुलंदशहर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रेप-4 लागू कर दिया गया है। सरकारी अमला पाबंदियों का पालन कराने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। प्रदूष ...और पढ़ें

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    एनएच-34 पर अगवाल कट के पास कूड़े एवं झाड़ियों में लगी आग से उठता धुआं। जागरण

    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। मौसम घना सर्द होते ही प्रदूषण का असर भी बढ़ने लगा है। हवा के जहरीला होते ही वायु गुणवत्ता सूचकांक फिर उछाल भरने लगा है। बीमार और बुजुर्गों को परेशानी होने लगी है। यह देख एनसीआर में ग्रेप-4 लागू किया गया है। इसकी पांबदियों का पालन कराकर प्रदूषण कम करने की कवायद की जा रही है।

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    खराब श्रेणी में 263 रिकार्ड किया एक्यूआइ
    दीपावली के बाद से ही हवा की सेहत खराब बनी हुई हैं। अब वातावरण में धुंध बढ़ने से सर्दी का अहसास बढ़ गया है। जलता कूड़ा, वाहनों से निकला धुआं, निर्माण कार्यों के चलते उड़ती धूल आदि प्रदूषण बढ़ा रहे हैं। हवा नहीं चलने के कारण प्रदूषण के जहरीले कण वातावरण की निचली सतह पर संघनित हो रहे हैं। इसका हवा फिर से जहरीली हो गई है। सीपीसीबी की रिपोर्ट में देर शाम वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 263 रिकार्ड किया गया। खराब श्रेणी में होने के कारण सेहत के लिए हानिकारक रहा। इस कारण बीमार, बच्चों और बुजुर्गों की भी परेशानी बढ़ गई हैं।

    प्रदूषण कम करने को टीम सक्रिय
    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विमल कुमार ने बताया कि बुलंदशहर का प्रदूषण फिलहाल खराब श्रेणी में हैं, लेकिन दिल्ली-एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में प्रदूषण 400 के पार पहुंच रहा है, जो बेहद गंभीर श्रेणी में रिकार्ड किया जा रहा है। इस कारण 13 दिसंबर को एनसीआर में ग्रेप-4 लागू किया गया है।

    बुलंदशहर जिला भी एनसीआर में शामिल है। इस कारण ग्रेप-4 के प्रतिबंध जिले में भी लागू हो गए हैं और उच्च स्तरीय मानीटरिंग भी तेज हो गई है। प्रदूषण कम करने के लिए टीम क्षेत्र में सक्रिय है। सड़कों पर पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। निरीक्षण किए जा रहे हैं। जहां लापरवाही मिल रही है, वहां संबंधित विभागों के सहयोग से कार्रवाई भी की जा रही है।

    रविवार को औद्योगिक इकाइयों का किया निरीक्षण
    रविवार को भी क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम बरेली की टीम के साथ मैदान में उतरी रही। सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में वायु प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाइयों को चेक किया गया है। चिमनी में आनलाइन कान्टीन्यूअस इमिशन मानिटरिंग सिस्टम (ओसीईएमएस) लगाया या नहीं इसकी जानकारी की गई। जहां यह सिस्टम नहीं लगा मिला तुरंत इसे लगवाने को निर्देश दिए गए।

    ग्रेप-4 में यह गतिविधियां रहेंगी प्रतिबंधित
    -निर्माण और विध्वंस गतिविधियों में मिट्टी खोदने, नींव खोदने और ढांचागत कार्य आदि प्रतिबंधित।
    -राजमार्गों, सड़कों, फ्लाइओवर, बिजली लाइनों और पाइपलाइनों जैसी रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं से संबंधित निर्माण कार्य पर भी रोक।
    -पत्थर तोड़ने वाले क्रशर, ईंट भट्टे और हाट मिक्स प्लांट बंद।

    -आवश्यक वस्तुओं या सेवाओं को छोड़ भारी मालवाहक डीजल वाहनों (बीएसए-4 और उससे नीचे) का दिल्ली में प्रवेश प्रतिबंधित।
    -राज्य सरकारें स्थिति के अनुसार बीएस-3 और बीएस-4 चार पहिया डीजल वाहनों के संचालन पर भी प्रतिबंध लगा सकती हैं।
    -कोयला, भट्ठी के तेल (फर्नेस आयल) या गैर-अनुमोदित ईंधन पर चलने वाले उद्योगों के संचालन पर रोक।
    -डीजल जनरेटर सेट का उपयोग प्रतिबंधित।

    -स्कूलों में कक्षा छह से नौ और 11वीं की भौतिक कक्षाएं बंद। आनलाइन शिक्षण की सिफारिश।
    -सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने या वर्क फ्राम होम लागू करने का निर्णय लेने।
    -किसी भी प्रकार का खुला दहन (कचरा या बायोमास जलाना) पूरी तरह से प्रतिबंधित।