Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हवा हुई जहरीली, एक्यूआइ का ग्राफ चढ़ा...यूपी का यह जिला आया रेड जोन में

    By Prashant Gaud Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Mon, 03 Nov 2025 02:22 PM (IST)

    बुलंदशहर में प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ गया है, जिससे हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। शहर का एक्यूआइ 348 दर्ज किया गया है, जिसके चलते यह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में सातवें स्थान पर है। ग्रेप का दूसरा चरण लागू होने के बावजूद प्रदूषण नियंत्रण में सफलता नहीं मिल रही है, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है।

    Hero Image

    अलीगढ-गाजियाबाद नेशनल हाइवे-34 पर औद्योगिक इकाई की चिमनी से निकलता काला धुआं। जागरण

    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। दो दिन पहले भले ही प्रदूषण का असर कम होते ही हवा की सेहत में सुधार देखा गया, लेकिन कार्रवाई की कवायद ढीली पड़ते ही अब जिले की हवा जहरीली होने लगी है। रविवार को सीपीसीबी की रिपोर्ट में एक्यूआइ 348 रहा, जो रेड जोन में बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया। देश के सबसे प्रदूषित शहरों में सातवें स्थान पर बुलंदशहर का प्रदूषण रिकार्ड किया गया। इससे लोगों की सांसों पर संकट गहराने लगा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    दरअसल, सर्दियों का असर बढ़ते ही प्रदूषण बढ़ने लगा है। दीपावली के बाद से एक्यूआइ का ग्राफ चढ़ रहा है। 200 के पार वायु गुणवत्ता सूचकांक पहुंच रहा है। कई स्थानों पर कूड़ा जलाया जा रहा है। निर्माण कार्यों में मानकों की अनदेखी की जा रही है। वाहनों की रफ्तार के साथ धूल और धुएं के गुबार उठ रहे हैं। औद्योगिक इकाइयों की चिमनियां भी धुआं छोड़ प्रदूषण बढ़ा रही हैं। जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है। रविवार को एक्यूआइ उछाल भरकर 300 के पार पहुंच गया है।

    ग्रेप का दूसरा चरण भी लागू, रोकथाम की कवायद नहीं चढ़ पा रही परवान : प्रदूषण का ग्राफ चढ़ते ही एनसीआर क्षेत्र में ग्रेप का दूसरा चरण भी लागू हो चुका है, लेकिन प्रदूषण पर वार करने में जिम्मेदार नाकाम साबित हो रहे हैं। इस कारण हृदय एवं सांस रोगियों की मुसीबत बढ़ने लगी है। सामान्य लोगों की आंखों में भी जलन होने लगी है। उछाल भरते एक्यूआइ को नीचे लाने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव कराने की कवायद परवान नहीं चढ़ पा रही है।

    सड़कों पर कराया जा रहा पानी का छिड़काव : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विमल कुमार के अनुसार नमी के कारण प्रदूषणकारी तत्व संघनित होकर वातावरण की निचली सतह पर जमा हो रहे हैं। प्रदूषण कम करने के लिए नगर पालिका के सहयोग से सड़कों पर छिड़काव कराया जा रहा है।

    देश के प्रदूषणकारी शहरों में एक्यूआइ की स्थिति

    शहर - एक्यूआइ

    देहारदून- 434

    मेरठ - 381

    भिवाड़ी- 376

    दिल्ली- 366

    गुडगांव - 357

    गाजियाबाद - 351

    बुलंदशहर,

    नोएडा - 348

    हापुड़ - 346

    बल्लभगढ़ - 319

    बहादुरगढ़- 313

    खुर्जा- 302

    (नोट: सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार एक्यूआइ की स्थिति)