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    धमनियों में खून के थक्के जमा रहा फंगस

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 15 Jun 2021 11:17 PM (IST)

    ब्लैक फंगस के मरीजों में दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। यह फंगस धमनियों में खून को जमा दे रहा है। इससे खून के थक्के बन रहे हैं। चिकित्सा विज्ञान में इसे श्रामबोसिस कहते हैं।

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    धमनियों में खून के थक्के जमा रहा फंगस

    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर:

    ब्लैक फंगस के मरीजों में दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। यह फंगस धमनियों में खून को जमा दे रहा है। इससे खून के थक्के बन रहे हैं। चिकित्सा विज्ञान में इसे श्रामबोसिस कहते हैं। यह फंगस जिस भी मरीज को बुरी तरह से चपेट में ले रहा है, उनकी सर्जरी के बाद भी जान नहीं बच पा रही है। कोरोनारोधी स्वदेशी टीका कोवैक्सीन बनाने के प्रोजेक्ट हेड चंद्र वल्लभ बैंजवाल जो कि वैक्सीनमैन के नाम से पहचान बना चुके चंद्र बल्लभ बैंजवाल भी पहले कोरोना और इसके बाद ब्लैक फंगस की चपेट में आए और आंख व नाक की सर्जरी के बावजूद उनकी जान नहीं बच सकी।

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    पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घातक ब्लैक फंगस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। जनपद में ही ब्लैक फंगस की आठ लोगों में पुष्टि हो चुकी है और इसमें से दो मरीजों की मौत हो चुकी है। हालांकि छह और संदिग्ध मरीज हैं, जिनकी रिपोर्ट का इंतजार है। इस फंगस के इलाज के लिए मरीजों को अलीगढ़ मेडिकल कालेज, मेरठ मेडिकल कालेज के अलावा गाजियाबाद, गुड़गांव, दिल्ली रेफर किया जा रहा है। जिन दो मरीजों की मौत हुई थी, उनकी तबियत उपचार के दौरान बेहतर हो रही थी लेकिन अचानक से धनियों में खून के थक्के जमने लगे और जान चली गई।

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    धमनियों में खून जमा रहा फंगस

    ईएनटी डा. अरुण कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमित व वायरस से जंग जीत चुके मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं। फंगस नाक के माध्यम से मुंह, सिर व आंख समेत दूसरे अंगों में प्रभावित करता है। मसूढ़ों और जबड़े को भी नहीं बख्श रहा है। उन्होंने बताया कि फंगस खून की नसों पर हमला बोलता है। खून की आपूर्ति दूसरे अंगों में नहीं हो पाता है। फंगस प्रभावित हिस्सा काला पड़ जाता है। नस के आस-पास के अंगों को आक्सीजन की आपूर्ति भी प्रभावित हो जाती है।

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    शरीर को आक्सीजन की आपूर्ति करता है खून

    एसीएमओ डा. रोहताश यादव ने बताया कि खून शरीर में ऊर्जा और आक्सीजन का कैरियर होता है। खून का थक्का जमना शरीर के लिए खतरनाक होता है। इससे खून गाढ़ा हो जाता है। इससे खून में आक्सीजन की मात्रा घट जाती है। मरीज को दिक्कत होने लगती है। दिल, दिमाग, फेफड़ा और गुर्दे की धमनियों में खून जमने के बाद जान संकट में पड़ सकती है।

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