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    Bharat Ratna: भारत रत्न के एलान पर चौधरी चरण सिंह के ननिहाल में जश्न, बांटी गई मिठाई; भाईयों ने सुनाए किस्से

    Updated: Fri, 09 Feb 2024 02:20 PM (IST)

    Bharat Ratna to Charan Singh पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के एलान के साथ ही बुलंदशहर के बीबीनगर क्षेत्र का गांव चित्सोना अलीपुर में हर घर में जश्न मनाया जा रहा है। गांव चित्सोना अलीपुर से चौधरी चरण सिंह का भावनात्मक रिश्ता रहा था। किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की मां नेत्रकौर चित्सौना अलीपुर की रहने वाली थी। गांव में उनके पुत्र अजित सिंह आते थे।

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    चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने पर गांव चितसोन अलीपुर में एक दूसरे को मिठाई खिलाते ग्रामीण

    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। बुलंदशहर के बीबीनगर क्षेत्र का गांव चित्सोना अलीपुर में हर घर में जश्न मनाया जा रहा है। कारण इस गांव की बेटी नेत्रकौर व दामाद चौधरी मीर सिंह के बड़े पुत्र पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिला है। पूरा गांव चौधरी चरण सिंह का स्मरण कर रहा है। गांव की माटी में ही पले बढ़े चौधरी चरण सिंह का मान बढ़ने से गांव का भी मान बढ़ गया है।

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    शुक्रवार को केन्द्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान किया, तो गांव झूम उठा। किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने घोषणा के बाद से गांव चित्सोना अलीपुर में जश्न का माहौल है।

    गांव चित्सोना अलीपुर से है भावनात्मक रिश्ता

    गांव चित्सोना अलीपुर से चौधरी चरण सिंह का भावनात्मक रिश्ता रहा था। किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की मां नेत्रकौर चित्सौना अलीपुर की रहने वाली थी। इस गांव में उनके पुत्र अजित सिंह आते थे।

    अक्सर ननिहाल आते थे चौधरी साहब

    चौधरी चरण सिंह के ममेरे भाई बीबीनगर के चित्सौना अलीपुर निवासी चौधरी सरदार सिंह ने बताया कि गांव से चौधरी चरण सिंह का गहरा नाता रहा था। चौधरी चरण सिंह अपनी ननिहाल में दादा रामफल के पास अक्सर आते थे। इसके अलावा गांव के सरूप सिंह, मोमराज सिंह व हुकम सिंह के पास भी चौधरी साहब आते रहते थे। यहां पर चौधरी चरण सिंह ने काश्तकारों की पीड़ा को करीब से देखा था। उनके शिक्षित युवा से किसान नेता के रूप में विकसित होने में इस भौगोलिक पृष्ठभूमि, अनुभव व संस्कार का बड़ा योगदान रहा।

    चौधरी साहब मंच पर आकर करते थे ये काम

    राजकुमार सिंह बताते हैं कि जब भी चौधरी साहब जिले में किसी जनसभा में आते थे, तो मंच से पूछते थे कि गांव चित्सोना अलीपुर से कितने लोग आए। जब गांव के लोग खड़े होते थे, वो उनका सम्मान करते थे।

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