650 कैदी आगरा और नोएडा जेल ट्रांसफर... 1080 बंदियों की है जिला कारागार की क्षमता, जल्द और होंगे शिफ्ट
बुलंदशहर की जेल में सात वर्ष से आजीवन कारावास वाले सजायाफ्ता ट्रांसफर किए गए हैं। जिला जेल में क्षमता से अधिक कैदी होने पर इनका स्थानांतरण किया गया है। नोएडा की जेल की क्षमता पांच हजार कैदियों की है। वहीं बुलंदहशर की एक हजार से अधिक की है। अगले कुछ दिनों में 50 और कैदी नोएडा की जेल में भेजे जाएंगे।

जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। पिछले चार माह में जिला कारागार से 650 कैदियों को आगरा की सेंट्रल जेल और जिला कारागार नोएडा भेजा गया है। स्थानांतरित किए गए सभी कैदी सजायाफ्ता हैं। जिला कारागार में क्षमता से अधिक कैदी होने के कारण सजायाफ्ता कैदियों को प्रदेश की अन्य सुरक्षित जेलों में ट्रांसफर किया गया है।
शासन के निर्देश पर सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की न्यायालय से सजा पाने वाले कैदियों को प्रदेश की विभिन्न सुरक्षित जेलों में स्थानांतरित किया जा रहा है।
इसी क्रम में बुलंदशहर जिला कारागार से पिछले चार माह में अब तक 650 सजायाफ्ता कैदियों को आगरा की सेंट्रल जेल और जिला कारागार नोएडा शिफ्ट किया गया है। जबकि आगामी दस से 15 दिन में 50 और कैदियों को नोएडा जेल भेजा जाएगा।
आगरा और नोएडा भेजे गए सभी कैदी सात वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक के सजायाफ्ता हैं। क्षमता से दो गुना अधिक बंदियों का बोझ झेल रहे बुलंदशहर जिला कारागार को अब कुछ राहत जरूर मिलेगी।
जेल में क्षमता से अधिक कैदी बंद
जिला कारागार बुलंदशहर की क्षमता 1080 बंदियों की है। जिले में लगातार अपराध बढ़ने के साथ जेल में भी बंदियों अर्थात कैदियों की संख्या बढ़ने लगी है। वर्तमान में जिला कारागार में लगभग दो हजार से अधिक कैदी बंद, जिनमें से 75 से लेकर 80 महिलाएं भी शामिल हैं। जेल में लगभग दो गुना कैदी उसकी क्षमता से अधिक बंद हैं।
उत्तर-प्रदेश सरकार के आदेश पर सात वर्ष से अधिक के सजायाफ्ता कैदियों को अन्य जेलों में ट्रांसफर किया जा रहा है। इसी क्रम में अब तक 650 कैदियों को आगरा सेंट्रल जेल और जिला कारागार नोएडा भेजा जा चुका है। अन्य 50 कैदियों को जल्द ही नोएडा जेल भेजा जाएगा। नोएडा की क्षमता साढ़े पांच हजार से अधिक कैदियों की है। आरके जयसवाल, वरिष्ठ अधीक्षक, जिला कारागार बुलंदशहर।
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