लगातार मोहभंग के बावजूद छोटी-सी 'आशा'
बुलंदशहर : रेल संपर्क एवं सुविधाओं को लेकर तरस रहे बुलंदशहर को आज 'रेल बजट' से खासी उम्मीदें हैं। गत छह दशक से रेल बजट के समय आस बंधने और बजट भाषण खत्म होते ही टूटने का सिलसिला जारी है। लगातार मोहभंग के बावजूद जनपद के लोगों को यह आशा है कि क्या पता? इस बार कुछ मिल ही जाए।
कृषि, फल, दुग्ध उत्पादन और पॉटरी के लिए पूरे देश में अहम स्थान रखने वाला जनपद रेल यातायात की बदहाली के चलते तरक्की की राह में पिछड़ा है। रेलवे संपर्क के अभाव में अनाज, फल, सब्जी, दूध एवं औद्योगिक व घरेलू प्रोडक्ट दूसरे शहरों में भेजकर अच्छा मुनाफा कमाने से वंचित हैं। 95 फीसदी यातायात भूतल मार्ग के भरोसे है। एक तो यहां की अधिकांश मार्ग जर्जर व बदहाल सड़क हैं, ऊपर से डीजल मूल्यों में लगातार बढ़ोत्तरी से ट्रांसपोर्टेशन की समस्या विकराल होती जा रही है। उद्योग-धंधे तबाही के कगार पर हैं। विकास के मामले में जनपद पिछड़ा हुआ है। युवा शिक्षा और रोजगार के लिए दूसरे शहर में पलायन को मजबूर हैं।
बुलंदशहर सिटी स्टेशन को मुख्य रेलवे मार्ग से जोड़े जाने की मांग दशकों पुरानी है। लोगों की मांग है या तो चोला स्टेशन का नाम बदलकर बुलंदशहर सिटी स्टेशन कर दिया जाए। वहां प्रमुख ट्रेनों का ठहराव हो। सतत आवागमन के लिए नगर से 15 किलोमीटर दूर चोला स्टेशन से नगर के बीच चौबीसों घंटे लिंक बसें चलाई जाएं। इससे बुलंदशहर नगर व आसपास के लोगों की परेशानी दूर हो जाएगी। कारण, उन्हें प्रमुख ट्रेन पकड़ने के लिए हापुड़, अलीगढ़ या दिल्ली जाना पड़ता है। दूसरा विकल्प यह है कि चोला स्टेशन से बुलंदशहर स्टेशन तक रेलवे लाइन बिछाई जाएं। चोला मुख्य रेलवे मार्ग पर स्थित है, इस ट्रैक पर गुजरने वाली ट्रेनें वाया बुलंदशहर, चोला स्टेशन तक जाए। दोनों विकल्पों में से किसी एक पर रेल बजट में मुहर लग जाए, सबसे बड़ी मांग यही है।
रेल मंत्रालय ने पिछले वर्ष चंदौसी से वाया संभल बुगरासी, स्याना, गुलावठी व दादरी होकर नोएडा के बोडाकी तक रेल लाइन बिछाने का प्रस्ताव बनाया था। हाल में सर्वे भी पूर्ण हो गया है। संबंधित क्षेत्र के लोगों को आगामी रेल बजट में सर्वे के सापेक्ष धन की मंजूरी की आस लगाए हैं। हाल में बोडाकी को मेट्रो रेल द्वारा दिल्ली से जोड़ने की घोषणा की गई है। बोडाकी तक रेल लाइन बिछ गई तो जनपद मेट्रो रेल से कनेक्ट हो जाएगा। फल उत्पादन के लिए मशहूर स्याना को काफी फायदा होगा।
इसके अलावा छोटी काशी के नाम से मशहूर अनूपशहर नगर एवं इसके निकटवर्ती महाभारतकालीन एवं प्राचीन पर्यटन-धार्मिक स्थलों को आपस में जोड़ने की मांग चल रही है। इसके अलावा दिल्ली-हावड़ा रूट पर स्थित चोला और खुर्जा रेलवे स्टेशन पर प्रमुख ट्रेन का ठहराव, बुलंदशहर-दिल्ली के बीच तीन जोड़ी पैसेंजर ट्रेन, बुलंदशहर से देश के प्रमुख शहरों के लिए डायरेक्ट ट्रेन की मांग है।
ये है रेल बजट से उम्मीदें
-चोला रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बुलंदशहर सिटी स्टेशन किया जाए
-यहां हो प्रमुख ट्रेनों का ठहराव
-चोला स्टेशन से बुलंदशहर सिटी स्टेशन तक बिछे नया ट्रैक
-बुलंदशहर स्टेशन को मॉडल स्टेशन बनाया जाए
-बुलंदशहर स्टेशन पर बने दूसरा प्लेटफार्म, दोनों प्लेटफार्म को जोड़ने वाला उपरिगामी यात्री सेतु बने
-बुलंदशहर स्टेशन पर कैंटीन, आदर्श शौचालय, पूरे प्लेटफार्म पर प्रकाश व्यवस्था का इंतजाम हो
-खुर्जा व चोला को मॉडल रेलवे स्टेशन बनाया जाए, यहां हो मुख्य ट्रेनों का स्टॉपेज
-चंदौसी से वाया संभल बुगरासी, स्याना, गुलावठी व दादरी होकर नोएडा के बोडाकी तक रेल लाइन बिछाने के प्रस्ताव के सापेक्ष हो धन आवंटन
-अनूपशहर सहित समस्त ब्लाक मुख्यालय रेलवे लाइन से जुड़ें
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