बीएलओ ने घर-घर गए बिना इस जिले में बना दिए वोट, नाबालिगों के भी भर दिए फार्म... अब हुआ यह सब
बिजनौर जिले में बीएलओ द्वारा घर-घर सत्यापन किए बिना वोट बनाने का मामला सामने आया है, जिसमें नाबालिगों को भी मतदाता सूची में शामिल करने का आरोप है। चुनाव आयोग ने जांच के आदेश दिए हैं और धांधली की पुष्टि होने पर दोषी बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

बिजनौर जिले में बीएलओ द्वारा घर-घर सत्यापन किए बिना वोट बनाने का मामला सामने आया है। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, बिजनौर। चार नवंबर से शुरू हो रहे प्रदेशव्यापी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान से पहले बिजनौर में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। बीएलओ की ड्यूटी कर रहे दो शिक्षकों पर ग्राम प्रधान की नाबालिग बेटी का वोट बनाने के लिए फार्म भरवाने का आरोप लगा है। आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा करते हुए किशोरी को 18 वर्ष का दर्शा दिया गया, जबकि उसके माता-पिता की शादी को अभी मात्र 13 वर्ष ही हुए हैं। प्रधान पक्ष के 12 से 17 वर्ष के कई किशोरों के साथ शादी के बाद गांव छोड़ चुकी युवतियों के वोट बनाने के लिए भी फार्म भरने का आरोप है।
बताया जा रहा है कि बीएलओ स्कूल में बैठकर फार्म पर साइन करते रहे और ग्राम प्रधान का शिक्षामित्र पति आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर ये कारनामा करता रहा। गड़बड़ी की शिकायत के बाद जांच शुरू कर दी गई है। ब्लाक मोहम्मदपुर देवमल की ग्राम पंचायत काजीवाला में महनाज खातून ग्राम प्रधान हैं। उनके पति मोहम्मद जमशेद प्राथमिक विद्यालय झकड़ी बंगर में शिक्षामित्र हैं। गांव में 15 वार्ड हैं।
मतदाता पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत गांव के जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक मुजीबुर्रहमान और झकड़ी बंगर के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक नदीम अहमद की बीएलओ ड्यूटी लगाई गई है। वार्ड एक से नौ तक का वोट बनाने व काटने का काम शिक्षक मुजीबुर्रहमान और वार्ड दस से 15 तक का काम नदीम अहमद के पास था। गांव के नबील अहमद व उनके भाई तौसीफ राणा ने एसडीएम कार्यालय में दिए शिकायती पत्र में बताया कि दोनों बीएलओ ने कुल 800 नए वोट के लिए फार्म भरे, जिनमें गांव के 12 से 17 वर्ष के बच्चों और कई वर्ष पहले शादी करके गांव से जा चुकीं बेटियों के नाम लिस्ट में थे। 
बीएलओ ने घर-घर जाकर वोट बनाने का काम न करके स्कूल में बैठकर फार्म पर साइन कर दिए। शिकायत के बाद एसडीएम रितु चौधरी ने जांच के लिए पांच टीमें बनाई है। तीन ने जांच सौंप दी है। बताया जा रहा है कि उनकी रिपोर्ट में फर्जी वोट बनाने के लिए फार्म जमा होने की पुष्टि हुई है। बीएसए सचिन कसाना ने बताया कि शिकायत के बाद दोनों शिक्षकों को बुलाया गया है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। ऐसे हुआ खेल ग्राम प्रधान पति मोहम्मद जमशेद ने दोनों शिक्षकों को अपने पक्ष के लोगों के नाम ही दिए।
18 वर्ष से कम आयु किशोरों के नाम फार्म दिए गए। एक दो परिवार ऐसे भी थे जो गांव के हैं ही नहीं बीएलओ के रूप में तैनात किए गए शिक्षक मुजीबुर्रहमान व नदीम अहमद केवल फार्म पर ही साइन करते रहे। जमशेद अहमद ने एसडीएम के सामने इसे स्वीकार भी किया है। शादी को हुए 13 वर्ष और बेटी की आयु दिखाई 18 वर्ष ग्रामीणों ने जांच टीम को बताया कि एक आपराधिक मामले में जमदेश अहमद वर्ष 2004 से 2011 तक जेल में रहा।
वर्ष 2012 में उसका निकाह हुआ और 2013 में उसके बेटी मिस्बा नाज पैदा हुई। वह एक स्कूल में कक्षा छह की छात्रा है और 12 वर्ष की है। जमशेद ने दोनों बीएलओ के साथ मिलकर उसका भी वोट बनवाने का फार्म भरवा दिया। ग्राम प्रधान मेहनाज खातून का कहना है कि मेरे पति जमशेद अली पर राजनीति के तहत आरोप लगाए जा रहे है। मिशाबाह पुत्री जमशेद के नाम की अन्य भी गांव में हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता फौजदारी अनिल बख्शी का कहना है कि फर्जी वोट बनाने के मामले में बीएनएस की धारा 335 के तहत सात साल की सजा का प्रविधान है।

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