भारत-नेपाल बार्डर के पास वन रेंज होगा बाघिन का नया ठिकाना... अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के बाहर घूमने की आदत में पकड़ी गई थी
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व से पकड़ी गई बाघिन को सोहेलवा वन्यजीव अभ्यारण्य भेजा गया है। वन विभाग ने उसे भैंस का मांस खिलाया, और स्वास्थ्य परीक्षण में वह स्वस्थ पाई गई। बाघिन को भारत-नेपाल सीमा के पास सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा, जिससे ग्रामीणों को राहत मिलेगी।

अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में वन विभाग के पिंजरे में बैठी बाघिन। सौ. वन विभाग
संवाद सूत्र, जागरण, रेहड़ (बिजनौर)। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के बाहर ट्रेंकुलाइज की गई बाघिन को वन विभाग सोहेलवा वन्यजीव अभ्यारण्य भेज दिया गया है। बाघिन वहां भारत और नेपाल बार्डर के पास वन रेंज में अपना इलाका बनाएगी। बाघिन को वन विभाग ने भैंस का मांस खिलाया था। जांच में वह पूरी तरह स्वस्थ मिली है। बाघिन को बाहर भेजने से वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी बड़ी राहत मिली है।
बता दें कि लगभग 15 दिन पूर्व अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के बाहर गांव मोहम्मदपुर राजौरी के खेतों में एक बाघिन दिखाई दे रही थी। ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने उसे ट्रेंकुलाइज करने की तैयारी की, लेकिन वह वन के अंदर चली गई। तीन दिन पहले बाघिन फिर से खेतों में आ गई थी। उसे ललचाने के लिए वन विभाग ने खुले में एक कटिया बांधी थी। शुक्रवार रात बाघिन ने कटिया को मार डाला था।
विशेषज्ञों ने बाघिन के फिर से उसके शिकार के पास आने का अनुमान लगाया था। बाघिन शनिवार शाम को फिर से मारी गई कटिया के पास आई तो डा.दक्ष गंगवार ने उसे ट्रेंकुलाइज कर दिया। बाघिन को पिंजरे में बंद कर अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में गेस्ट हाउस के पास ले जाया गया। घंटे-डेढ़ घंटे में ही बाघिन को होश आ गया। हालांकि होश में आने के काफी देर बाद तक भी उस नशे के इंजेक्शन का असर रहा। शनिवार शाम को बाघिन को सोहेलवा वन्यजीव अभ्यारण्य में छोड़ने के लिए रवाना कर दिया गया। यह बलरामपुर, श्रावस्ती और गोंडा जिले में भारत नेपाल बार्डर के पास स्थित है।
खाने को दिया गया भैंस का मांस
वन विभाग द्वारा बाघिन का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया। वह व्यस्क है और पूरी तरह स्वस्थ है। उसका वजन लगभग दो कुंतल है। वन विभाग की टीम ने बाघिन को खाने के लिए भैंस का मांस दिया।
आबादी से दूर रहेगी बाघिन
बाघिन को सोहेलवा वन्यजीव अभ्यारण्य के लिए रवाना कर दिया गया है। वहां पर बाघिन को सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा। वहां वह आबादी से दूर रहेगी। ग्रामीणों को खेतों में सतर्क होकर काम करने के लिए लगातार कहा जा रहा है।
-जय सिंह कुशवाहा, डीएफओ

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।