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    नौनिहालों को पढ़ाने के बजाय आपस में ही उलझ गईं इस जिले की शिक्षिका और आंगनबाड़ी...यह रही वजह और फिर हुआ यह सब

    By Ajeet Chaudhary Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Fri, 31 Oct 2025 12:17 PM (IST)

    गांव बिसाठ में नौनिहालों को पढ़ाने के लिए तैनात शिक्षिकाएं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आपस में ही उलझ गईंं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने 63 बच्चों को पढ़ाने के लिए बने एकमात्र कमरे पर ताला डाल दिया। जूनियर हाईस्कूल के बच्चे खुले में पढ़े और आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों काे केंद्र पर बुलाया ही नहीं गया। मुख्य अध्यापिका ने इसकी शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी से की। वे जांच को पहुंचीं तो भी कार्यकर्ताओं ने ताला खोलने से मना कर दिया। स्कूल के बच्चों को दूसरे गांव में शिफ्ट कर दिया गया है। 

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    हल्दौर के गांव विसाट में जूनियर हाईस्कूल परिसर में बच्चों को पढ़ाती शिक्षिका व पीछे खड़ी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता। जागरण

    संवाद सूत्र, जागरण हल्दौर (बिजनौर)। गांव बिसाठ में नौनिहालों को पढ़ाने के लिए तैनात शिक्षिकाएं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आपस में ही उलझ गईं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने 63 बच्चों को पढ़ाने के लिए बने एकमात्र कमरे पर ताला डाल दिया। जूनियर हाईस्कूल के बच्चे खुले में पढ़े और आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को केंद्र पर बुलाया ही नहीं गया।

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    मुख्य अध्यापिका ने इसकी शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी से की। वे जांच को पहुंचीं तो भी कार्यकर्ताओं ने ताला खोलने से मना कर दिया। स्कूल के बच्चों को दूसरे गांव में शिफ्ट कर दिया गया है। गांव बिसाठ स्थित जूनियर हाईस्कूल में 33 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। स्कूल के भवन को जर्जर घोषित कर दिया गया है। उसके नीचे बच्चों को नहीं बैठाया जा रहा है।

    बच्चों को स्कूल परिसर में ही बने आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्र में भी एक ही 30 बच्चे पंजीकृत हैं और उनके लिए भी एक ही कमरा है। दो वर्ष से बच्चों को किसी तरह एक ही कक्ष में बैठाया गया, लेकिन बाद में केंद्र और स्कूल के स्टाफ की शिक्षिकाओं में तलवार खींच गईं।

    गुरुवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूनम और सोनम ने केंद्र पर एक ताला और लगा दिया और घर चली गईं। जो एक कमरा था उस पर ताला लटका रहा। सहायक अध्यापिका रेशमा परवीन ने इसके बारे में मुख्य अध्यापिका नीलम को सूचना दी और विद्यालय परिसर में बच्चों को पढ़ाया। मुख्य अध्यापिका नीलम ने इसकी शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी अलका अग्रवाल से की। अलका अग्रवाल जांच को पहुंची तो मुख्य अध्यापिका नीलम और सहायक अध्यापिका रूचिता वहां नहीं थीं।

    आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी नहीं थीं। बिना कमरे के स्कूल में बिना ब्लैकबोर्ड के बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। उन्हें पता चला कि कुछ समय से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्कूल के बच्चों को केंद्र के कक्ष में बैठाने का विरोध कर रहीं थीं। उनके बुलाने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आ गईं लेकिन ताला खोलने से इंकार कर दिया। अलका अग्रवाल ने स्कूल के बच्चों को लगभग एक किलोमीटर दूर गांव नवादा तुल्ला के विद्यालय में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। सीडीपीओ हेमलता ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र पर सीमित स्थान और संसाधनों के कारण जूनियर हाईस्कूल के बच्चों के लिए अन्य व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु खंड शिक्षा अधिकारी व बीडीओ को अवगत करा दिया गया है।

    नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लिया जाएगा
    आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का पूरा दिन केंद्र न खोलना और स्कूल के बच्चों को प्रवेश न देना गलत है। इस मामले में सीडीपीओ और दोनों कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लिया जाएगा।-विमल चौबे, जिला कार्यक्रम अधिकारी


    स्कूल को दूसरे गांव के विद्यालय में शिफ्ट करने के निर्देश
    गुरुवार को मुख्य अध्यापिका के छुट्टी व सहायक अध्यापिका के बीआरसी केंद्र जाने का पता चला है। केंद्र पर ताला लगा था और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ताला नहीं खोला। फिलहाल स्कूल को दूसरे गांव के विद्यालय में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।-अलका अग्रवाल, खंड शिक्षा अधिकारी