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    चार साल बाद चीनी निर्यात को भारत सरकार की हरी झंडी, मिलों को 41 हजार मीट्रिक टन का कोटा आवंटित

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 07:03 AM (IST)

    भारत सरकार ने चीनी निर्यात को हरी झंडी दिखाई, जिससे मिलों को 41 हजार मीट्रिक टन का कोटा मिला। इससे स्थानीय बाजार में चीनी की उपलब्धता कम होगी और दाम बढ़ेंगे, जिससे किसानों को समय पर भुगतान मिल सकेगा। पहले रा शुगर निर्यात पर रोक थी, जिससे भुगतान प्रभावित हुआ था। अब फिर से अनुमति मिलने से मिलों और किसानों को राहत मिलेगी।

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    अजीत चौधरी, बिजनौर। भारत सरकार ने चीनी के निर्यात को हरी झंडी दे दी है। चीनी मिलों को कोटा जारी हो गया है। जिले की मिल भी विदेशों को बेचने के लिए रा शुगर (बिना रिफाइन हुई चीनी) बनाएंगी।

    सरकार की ओर से जिले की चीनी मिलों को 41 हजार मीट्रिक टन से अधिक का कोटा जारी किया है। विदेशों को चीनी जाने से स्थानीय बाजार में चीनी की उपलब्धता कम होगी। इससे चीनी की मांग और दाम बढ़ेंगे। चीनी के दाम अच्छे होने पर किसानों को गन्ने का भुगतान समय पर मिलेगा।

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    कभी चीनी मिल गन्ने से खरीदकर केवल चीनी ही बनाती थी। पिछले कुछ समय में गन्ने का रकबा, पैदावार और चीनी के उत्पादन में बंपर वृद्धि हुई है। जैसे गन्ने की पैदावार और चीनी का उत्पादन बढ़ा, चीनी के दाम कम होने लगे। इससे किसानों का गन्ना भुगतान भी प्रभावित हुआ।

    बाजार में चीनी की आवक कम करने के लिए तब भारत सरकार ने कदम उठाया और रा शुगर (बिना रिफाइन हुई चीनी) विदेशों में बेचने को हरी झंडी दी। जिले की चीनी मिलों को भी रा शुगर बनाने का कोटा दिया गया। इसके बाद चीनी के उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए मिलों में एथनाल बनाने का काम भी शुरू कराया गया।

    एथनाल बनाने के लिए गन्ने के रस से मिठास का हिस्सा कम करके उसे शीरे में मिलाया जाता है। इससे चीनी का उत्पादन 15 प्रतिशत तक कम होता है। एथनाल तो अब तक बन रही है लेकिन सरकार ने रा शुगर बनाने पर लगभग चार वर्ष पहले रोक लगा दी थी।

    चीनी मिल रा शुगर बनाकर बेचती थीं और उससे मिलने वाले पैसे से किसानों का समय से भुगतान हो जाता था। रा शुगर निर्यात करने से रोक लगने पर चीनी के दाम में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई और भुगतान भी प्रभावित हो गया।

    लेकिन अब सरकार ने रा शुगर निर्यात को फिर से हरी झंडी दे दी है। जिले को भी 41 हजार मीट्रिक टन से अधिक का कोटा मिला है। चीनी बिकने पर चीनी मिल प्रशासन को राहत और किसानों को समय से गन्ना भुगतान मिलेगा।

    चीनी मिलों को मिला कोटा

    चीनी मिल, कोटा
    बिजनौर, 2,412
    धामपुर, 9,414
    स्योहारा, 9,111
    नजीबाबाद, 2,490
    बिलाई, 6,787
    अफजलगढ़, 5,730
    बुंदकी, 4,962
    चांगीपुर, 2,401
    योग, 43,307

    नोट: कोटा मीट्रिक टन में है।

    अभी अन्तरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों को देखा जा रहा है। चीनी के दाम अच्छे होने पर विदेशों को निर्यात की जाएगी। विदेशों में माल जाने से चीनी को और बड़ा बाजार मिलेगा।
    सलिल आर्य, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कारपोरेट- द्वारिकेश शुगर मिल

    केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात को हरी झंडी देकर सही कदम उठाया है। इससे चीनी मिलों को राहत मिलेगी और किसानों को समय से गन्ना भुगतान मिलेगा।

    दिगंबर सिंह, युवा प्रदेश अध्यक्ष- भाकियू अराजनैतिक।