Striped hyena in Sahanpur Forest Range : अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के बाद अब साहनपुर वन रेंज में भी दिखा यह धारीदार जानवर
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के बाद साहनपुर वन रेंज में एक धारीदार लकड़बग्घा देखा गया। इस दुर्लभ जानवर के दिखने से वन विभाग में खुशी की लहर है, क्योंकि यह क्षेत्र में वन्यजीवों की उपस्थिति का संकेत है।

बिजनौर में अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में घूमता लकड़बग्घा। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, बिजनौर। जिले की वन्य संपदा लगातार समृद्ध हो रही है। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के बाद अब साहनपुर वन रेंज में भी धारीदार लकड़बग्घा दिखा है। बाघ तो यहां पहले से ही दिख रहे थे। दो वन रेंज में लकड़बग्घों का दिखना सुखद संयोग है। अगर वन क्षेत्रों में सघनता से अभियान चलाया जाए तो और भी ऐसी प्रजाति के वन्यजीव मिल सकते हैं जो अब तक क्षेत्र में दिखाई नहीं दिए।
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की दुनिया को देखने के लिए अब दुनिया भर के पर्यटक आ रहे हैं। यहां रायल बंगाल टाइगर की दहाड़ और हाथी की चिंघाड़ सभी को रोमांचित कर देती है। बाघ, हाथी गुलदार के अलावा अन्य वन्यजीव भी दिखते रहते हैं। अमानगढ़ के अलावा अन्य रेंज में भी धीरे-धीरे बाघ दिखाई देने लगे हैं, लेकिन जिले के वन क्षेत्र की पहचान केवल ये वन्यजीव ही नहीं हैं। वनों में किंग कोबरा भी दिख रहे हैं। पिछले वर्ष की गई गणना में अमानगढ़ में पक्षियों की 177 प्रजाति मिली थीं।
बाघ की गणना के लिए वर्ष 2023 में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ (वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फाउंडेशन) ट्रैप कैमरे लगाए गए थे। तब ट्रैप कैमरे में पहली बार धारदार फर वाले लकड़बग्घे का फोटो कैद हुआ था। यह जिले का आज तक का लकड़बग्घे का इकलौता फोटो है। अमानगढ़ के बाद अब साहनपुर रेंज में भी लकड़बग्घे दिख रहे हैं। स्टाफ ने लकड़बग्घों को देखा है। हालांकि यहां कैमरे न लगे होने की वजह से इनका फोटो नहीं मिल पाया है।
कुछ साल पहले मिला था शव
कुछ साल पहले अमानगढ़ के आसपास लकड़बग्घे होने का प्रमाण मिला था। अमानगढ़ के पास ही सड़क पर एक लकड़बग्घे का शव मिला था। किसी वाहन की चपेट में आकर उसकी मौत हुई थी। लेकिन उसके फोटो ट्रैप कैमरे में कभी कैद नहीं हुए।
बाघ जैसे होते हैं निशान
अफ्रीका में मिलने वाले लकड़बग्घों के शरीर पर गुलदार के जैसे निशान होते हैं,जबकि अमानगढ़ में मिले लकड़बग्घे पर बाघ के शरीर जैसी धारी होती हैं। यह अफ्रीही लकड़बग्घों से कम शक्तिशाली, शरीर में छोटे और कम हिंसक होते हैं। ये छोटे वन्यजीवों का शिकार करते हैं।
बाघों से दूर रहते हैं ये लकड़बग्घे
अफ्रीका में शेर और लकड़बग्घों की लड़ाई मशहूर है, लेकिन भारत में सफेद धारीवाले लकड़बग्घे और बाघ के बीच ऐसा नहीं है। धारीदार लकड़बग्घे बाघ से टकराने की हिमाकत नहीं करते हैं। इनके झुंड भी इतने बड़े नहीं होते हैं।
शानदार हो रही है जैव विविधता
साहनपुर वन रेंज में बाघ काफी समय से दिख रहे हैं। अब वहां स्टाफ को धारीदार फर वाले लकड़बग्घे भी दिखे हैं। साहनपुर की जैव विविधता भी शानदार हो रही है। अभिनव राज, डीएफओ।

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