सिख कौम बलिदानियों की कौम : भारतेंद्र
सिख कौम बलिदानियों की कौम भारतेंद्र बिजनौर जागरण टीम। नजीबाबाद में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा हीमपुर पछातपुरा में गुरुनानक देव प्रकाशोत्सव श्रद्धापूर्वक मनाया गया। सिख धर्म की स्थापना से लेकर उसे प्रफुल्लित करने तक सिख गुरुओं का योगदान सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हुए।

बिजनौर, जागरण टीम। नजीबाबाद में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा हीमपुर पछातपुरा में गुरुनानक देव प्रकाशोत्सव श्रद्धापूर्वक मनाया गया। सिख धर्म की स्थापना से लेकर उसे प्रफुल्लित करने तक सिख गुरुओं का योगदान सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हुए।
रविवार को गुरुद्वारा साहिब में आयोजित कार्यक्रम में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का समापन हुआ। नजीबाबाद गुरुद्वारे के हुजूरी रागी भाई नवदीप सिंह के जत्थे ने शबद-कीर्तन का गायन किया। धन नानक तेरी वडी कमाई, बाबा आखै हाजीआ, मिटेआ अंधेरा चंद चढ़ेया.. सरीखे शबद गायन कर संगत को निहाल किया। मुख्य ग्रंथी ने गुरुनानक देव के जीवन पर चर्चा करते हुए कहा कि गुरुनानक देव वर्ष 1469 को साबो की तलवंडी, पाकिस्तान में पिता कल्याण दास और माता तृपता के गृह अवतरित हुए थे। दौलता दाई ने सबसे पहले गुरुनानक के दर्शन किए थे, तो उसका कहना था कि गुरुनानक को गोद में लेकर उनकी पहली नजर से ही वह निहाल निहाल निहाल हो गई।
कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता कुंवर भारतेंद्र सिंह ने कहा कि जहां गुरुनानक देव ने सिख धर्म की स्थापना की। उनके बाद नौ गुरुओं ने सिख धर्म को प्रफुल्लित और प्रसारित किया। धर्म की रक्षा में गुरु अर्जुन देव और गुरु तेगबहादुर ने शहादत भी दी। गुरु गोबिद सिंह साहिब ने तो पूरा परिवार ही सिख धर्म और देश की रक्षा में कुर्बान कर दिया। उन्होंने सिख कौम को बलिदानियों की कौम बताया। कार्यक्रम में उन्हें सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया। अनंद साहिब के पाठ, अरदास और हुकुमनामे से कार्यक्रम के समापन पर लंगर वरताया गया। आयोजन में नरेश कुमार, बलविदर सिंह, दिलीप सिंह, सुरेंद्र सिंह, सुरजन सिंह, शेर सिंह, नरदेव सिंह, हेमेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, सुशील समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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