मार्ग पर जलभराव व कीचड़ से राहगीर परेशान
गांव सरदारपुर-चकउदयचंद छायली मुख्य मार्ग पर जलभराव और कीचड़ के कारण राहगीरों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग से बदहाल मार्ग को बनवाने की मांग की है।
जेएनएन, बिजनौर। गांव सरदारपुर-चकउदयचंद छायली मुख्य मार्ग पर जलभराव और कीचड़ के कारण राहगीरों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग से बदहाल मार्ग को बनवाने की मांग की है।
क्षेत्र के गांव सरदारपुर-चकउदयचंद छायली में काशीवाला मार्ग की सड़क काफी खस्ताहाल है। तीन दिन तक हुई बारिश ने मार्ग की सूरत को और बिगाड़ दिया है। मार्ग पर गंदे पानी का जमावड़ा है और जगह-जगह कीचड़ फैला है। संक्रामक बीमारियां फैलने का डर तो है ही, आवागमन की भी समस्या बनी हुई है।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते सड़क पर कीचड़ व गांव की नालियों का गंदा पानी जमा हो गया है। लोग पैदल तो निकल ही नहीं पा रहे हैं। बाइक सवार कीचड़ में फिसल कर गिर रहे हैं। शुक्रवार की सुबह गांव चकउदयचंद निवासी देवेंद्र कुमार गांव से बरात लेकर जा रहा था, लेकिन गांव में देवता स्थल जाने वाले रास्ते पर कीचड़ होने से उसे अकेले ही कीचड़ से गुजरकर जाना पड़ा। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान नवनीत सैनी, परशुराम सिंह, राधेश्याम, सलीम अहमद, सत्यपाल सिंह, संदीप कश्यप, रिकू कश्यप, खुर्शीद अहमद, मोहम्मद अशरफ, मोहम्मद हबीब, नृपेंद्र शर्मा, महेश कुमार, नौशाद आदि ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग से सड़क बनवाने की मांग की है।
पुलों पर भरा बारिश का पानी निकाला
लगातार तीसरे दिन सुबह झमाझम बारिश हुई। बारिश से किसान और बागवान काफी खुश हैं। हालांकि कुछ जगहों पर नदियों का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे खेती करने वाले किसानों के लिए यह बारिश मुसीबत भी बन गई। वहीं, नगर एवं आसपास के क्षेत्रों में नाले अवरुद्ध होने से सड़कों पर जलभराव हुआ। हरिद्वार मार्ग पर मालन नदी, रतनाल नदी, लकड़हान नदी और समीपुर-चिड़ियापुर पूर्वी गंगनहर बाईपास मार्ग पर मालन नदी, लकड़हान नदी के पुलों पर पानी की निकासी के पाइप बंद होने से शुक्रवार को पुलों पर काफी जलभराव हुआ। सूचना पर सुशील राजपूत अपने एक साथी के साथ सभी पुलों पर पहुंचे और मलबे से बंद पड़े पाइप खोलकर पुलों पर भरा पानी निकाला। उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद सुधार नहीं किया जाना चिता की बात है। पुलों पर पानी भरा होने से जहां पुल जर्जर होते हैं, वहीं हादसे की भी आशंका बढ़ जाती है।
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