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    मनु गौड़ पांच साल से लड़ रहे टू चाइल्ड पालिसी की जंग

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 12 Jul 2019 06:23 AM (IST)

    धामपुर के लाल मनु गौड़ पिछले पांच साल से देश में बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश लगाने के लिए टू चाइल्ड पालिसी की जंग लड़ रहे हैं। वह पूरे देश में लोगों को कार् ...और पढ़ें

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    मनु गौड़ पांच साल से लड़ रहे टू चाइल्ड पालिसी की जंग

    बिजनौर, जेएनएन।

    धामपुर के लाल मनु गौड़ पिछले पांच साल से देश में बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश लगाने के लिए टू चाइल्ड पालिसी की जंग लड़ रहे हैं। वह पूरे देश में लोगों को कार्यक्रमों के माध्यम से जनसंख्या से होने वाले नुकसान से आगाह करते हैं। उनका मानना है कि अधिक आबादी ही मानव सभ्यता की तबाही का कारण बनेगी।

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    धामपुर निवासी मनु गौड़ ने टैक्सपेयर्स एसोसिएशन ऑफ भारत (टैक्सैब) का गठन किया है। वह इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इस संस्था के माध्यम से वह देशभर में जनसंख्या के प्रतिकूल प्रभाव को लेकर जागरुकता कार्यक्रम चला रहे हैं। अध्यक्ष मनु गौड़ का कहना है कि मानव सभ्यता की उत्पत्ति को लगभग एक लाख 30 हजार साल से 1 लाख 60 हजार साल हो चुके हैं। सन 1804 में दुनिया की आबादी ने पहली बार 100 करोड़ के आंकड़े को छूआ। अगले 123 साल में मतलब सन् 1927 में दुनिया की आबादी बढ़कर 200 करोड़ को गई। 1960 में 33 वर्ष बीतने के बाद इन्सान ने अपनी आबादी को 300 करोड़ तक पहुंचा दिया। 1952 में आजादी के एकदम बाद भारत ने दुनिया में सबसे पहले परिवार नियोजन योजना शुरू की। उस समय भारत की आबादी थी लगभग 36 करोड़, लेकिन कोई खास असर नहीं पड़ा। 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने के बाद भी आबादी कम नाम हो रही है। भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने के कगार पर है। दुनिया की 2.4 प्रतिशत भूमि पर भारत में दुनिया की लगभग 18 फीसद आबादी रहती है। भारत के पास अपनी इस आबादी को पिलाने के लिए सिर्फ दुनिया का 4 प्रतिशत पानी है। आजादी के बाद से देश की आबादी 125 करोड़ बढ़ गई है। देश में कभी दूध की नदियां बहती थीं आज वहां पानी की नदियों को भी तरस रहा है। आज ऐसा समय आ गया कि प्रदूषण के कारण स्कूलों की छुट्टी की जा रही है। नीति आयोग के अनुसार देश के बड़े 20 शहरों में 2020 तक पानी समाप्त हो जायेगा। उनका कहना है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की वेबसाइट के अनुसार देश में 121,70,94,786 आधार कार्ड बन चुके हैं और लगभग 11 प्रतिशत आधार कार्ड बनने अभी बाकी हैं। प्राधिकरण के अनुसार 0 से 18 वर्ष के अभी 14,34,55,413 आधार कार्ड बनने बाकी हैं। वहीं प्राधिकरण के अनुसार 18 वर्ष से अधिक आयु के कुल 84,43,26,760 आधार कार्ड बनने हैं। भारत जनसंख्या विस्फोट के कगार पर है और हमारे देश की सरकारों को कोई चिता ही नहीं है।